उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बी0एल0जोशी ने राज्य के विश्वविद्यालयों को चिन्तन के केन्द्र के तौर पर विकसित किए जाने पर बल दिया है। उन्होंने कहा है कि विश्वविद्यालयों में शोध को बढ़ावा देने के साथ-साथ शोध के स्तर में भी सुधार लाया जाना आवश्यक है। श्री जोशी आज यहां किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में आयोजित राज्य विश्वविद्यालय कुलपति सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मुख्य अतिथि के रूप में सम्मेलन में सम्मिलित हुए। राज्यपाल ने कहा कि कुलपतियों को इस बात पर विशेष ध्यान देना होगा कि क्या विश्वविद्यालयों में किया जा रहा शोध कार्य देश के विकास में मददगार साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में शोध के जरिए कराए जाने वाले पेटेंट की संख्या काफी कम है, जबकि पश्चिमी जगत के विश्वविद्यालयों में यह आम बात है। इसलिए हमें अपने विश्वविद्यालयों में शोध कार्य को उस स्तर तक ले जाने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने परीक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने तथा नकल एवं रैगिंग पर प्रभावी अंकुश लगाने पर भी बल दिया।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के विकास और खुशहाली में उच्च शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। बेहतरी की दिशा में प्रदेश में व्यापक बदलाव हो रहा है। नवीनतम् तकनीक और जानकारी को अपनाकर हम कृषि व उद्योग सहित सभी क्षेत्रों में राज्य को विकास की ऊंचाईयों तक ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने के लिए जरूरी है कि संस्थानों में शैक्षणिक माहौल अच्छा हो और वहां पर पठन-पाठन के लिए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हों। इस सम्बन्ध में प्रदेश सरकार हर संभव सहयोग प्रदान करेगी। उन्होंने रैगिंग पर पाबन्दी को प्रभावी तरीके से लागू करने पर भी जोर दिया। श्री यादव ने कहा कि युवाओं को रोजगार सुलभ कराने के लिए विश्वविद्यालयों में कौशल विकास पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में रोजगार के तमाम अवसर उपलब्ध हैं। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार आई0टी0 सेक्टर पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि नवीनतम तकनीक को अपनाकर जनता को लाभान्वित किया जा सकता है। राज्य सरकार ने वूमन पावर लाइन शुरू की है। इसका क्रियान्वयन इसलिए संभव हो सका, क्योंकि इसे संचालित करने के लिए आज तकनीक मौजूद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कक्षा 10 पास छात्रों को टैबलेट कम्प्यूटर व 12वीं पास करने वालों को लैपटाॅप उपलब्ध कराने से समाज में बदलाव नजर आएगा। इसी क्रम में शिक्षा के क्षेत्र में हुए एक बदलाव का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दक्षिण भारत की अनेक नामचीन शिक्षण संस्थाओं ने उत्तर भारत में भी अपने कैम्पस स्थापित किए हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर दिल्ली के इर्द-गिर्द ही हैं। इसलिए जरूरी है कि पूरे प्रदेश में इन संस्थानों के परिसर स्थापित करने के लिए प्रयास किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अनेक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाएं हैं। विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने वाले अनेक लोग राज्य के विश्वविद्यालयों के छात्र रहे हैं। लखनऊ व कानपुर में संयुक्त रूप से देश के अनेक प्रतिष्ठित संस्थान स्थापित हैं, जिनकी ख्याति पूरी दुनिया में है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सम्मेलन में होने वाले विचार-विमर्श का लाभ प्रदेश को प्राप्त होगा।
प्रमुख सचिव राज्यपाल एवं लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति जी0बी0पटनायक ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालयों में अध्यापन कार्य उच्च गुणवत्ता का होना चाहिए।
सचिव मुख्यमंत्री श्रीमती अनीता सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाने के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि उच्च शिक्षा को सुरूचिपूर्ण बनाया जाए। इस सम्बन्ध में विभिन्न विश्वविद्यालयों के बीच वाद-विवाद, खेल-कूद आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन उपयोगी सिद्ध होगा।
इस मौके पर राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने उच्च शिक्षा के उन्नयन के सम्बन्ध में अपने विचार एवं सुझाव राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किए।
इसके पूर्व सचिव उच्च शिक्षा विभाग श्री टी0 वेंकटेश ने सम्मेलन में सभी का स्वागत करते हुए कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में उच्च शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण एवं सर्व सुलभ बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया। कार्यक्रम का संचालन विशेष सचिव उच्च शिक्षा श्रीमती अनीता मिश्र ने किया।
कार्यक्रम में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एवं विभिन्न राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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