प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री राज किशोर सिंह ने कहा कि प्रदेश के किसानों का हित राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उनके लिए संचालित बागवानी कार्यक्रमों का पूर्ण लाभ उन्हें समय पर मिल सके, इसके लिए जरूरी है कि बागवानी फसलों के लिए ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति में किसानों के लिए अनुदान में वृद्धि का लाभ उन्हंे उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तीन लोहिया पर्यावरणीय उद्यानों की स्थापना के साथ-साथ पान की खेती से जुड़े किसानों के लिए योजना बनायी जाये तथा सैफई महोत्सव के दौरान लाभार्थी कृषकों को ट्रैक्टर वितरण का कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराया जाये।
श्री सिंह आज यहां उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के सभागार में विभागीय योजनाओं/कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि किसानों के लिए राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं को समय से पूरा करें तथा प्रदेश के अधिक से अधिक किसानों को बागवानी फसलों के उत्पादन से जोड़ें। इसके साथ ही उन्होंने बागवानी की नवीन तकनीकियों को उन्हें उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं, जिससे किसान बागवानी में मशीनीकरण तथा ग्रीन हाउस व शेडनेट हाउस में आॅफसीजन फूलों एवं सब्जियों की खेती से अधिक आय प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि बागवानी मिशन योजना के लिए उपलब्ध अनुदान की अधिकाधिक जानकारी किसानों को दी जाये तथा उन्हें इसको अपनाने के लिए प्रेरित किया जाये।
उद्यान मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बागवानी फसलों में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति की स्थापना के लिए लघु एवं सीमान्त कृषकों के लिए 90 प्रतिशत तथा सामान्य कृषकों के लिए 75 प्रतिशत अनुदान घोषित किया है, जिसका अधिकाधिक लाभ किसानों को उपलब्ध कराया जाये ताकि किसान बागवानी की लागत को कम करके अधिक आय प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के तीन जिलों इटावा, बस्ती तथा कन्नौज में लोहिया पर्यावरणीय उद्यान की स्थापना की जायेगी तथा पान की खेती से जुड़े किसानों के लिए प्रदेश के 21 जनपदों में पान विकास की नई योजना लागू की गयी है, जिसमें लाभार्थियों को बरेजा निर्माण एवं रोपण सामग्री पर अनुदान दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि दो से तीन महीनों में विभाग ने बहुत उपलब्धियां हासिल की हैं तथा किसानों के हित में कार्य हुआ है। अतः अधिकारी प्रत्येक कार्य जिम्मेदारी एवं प्राथमिकता पर करें, अन्यथा लापरवाही पाये जाने पर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी।
सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण डाॅ0 रजनीश दुबे ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि राज्य सरकार द्वारा बागवानी कार्यक्रमों के लिए जारी किये गये बजट का शत-प्रतिशत उपयोग समय से सुनिश्चित किया जाये तथा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत शाकभाजी उत्पादन के लिए आवंटित धनराशि का 40 प्रतिशत व्यय दिसम्बर माह तक सुनिश्चित करें। उन्हांेने कहा कि प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना की अपार सम्भावनायें हैं, जिसके मद्दे नजर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2012 लागू की गयी है। अतः मुख्यालय, मण्डल एवं जनपद स्तर पर सभी अधिकारीगण निवेशकों को प्रोत्साहित करें।
निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री ओम नारायण सिंह ने कहा कि विभागीय अधिकारी नियमों के तहत समय से धनराशि खर्च करें, ताकि अगले बजट का आवंटन हो सके। जनवरी तक कार्य पूर्ण सुनिश्चित हो इसके लिए उन्हें युद्ध स्तर पर जुट जाना चाहिये। समीक्षा बैठक में विशेष सचिव उद्यान श्री कैलाश प्रकाश, संयुक्त निदेशक उद्यान डाॅ0 राणा प्रताप सिंह के अलावा मण्डल एवं जिला स्तर के विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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