उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिए हैं कि ग्रेटर नोएडा में नाईट सफारी प्रोजेक्ट को पूर्ण कराने हेतु एक व्यापक कार्य योजना माईल स्टोन के अनुसार बनाई जाए। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट को गुणवत्ता एवं मानक के आधार पर पूर्ण कराने हेतु आवश्यकतानुसार दो सलाहकार नियुक्त किए जाएं, जिसमें एक तकनीकी विशेषज्ञ तथा दूसरा वित्तीय विशेषज्ञ हों। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि नाईट सफारी प्रोजेक्ट को पी0पी0पी0 माॅडल पर बनाने की कार्य योजना का सक्षम स्तर से अनुमोदन अवश्य प्राप्त कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूर्ण हो जाने के फलस्वरूप प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा एक नई तरह की रीक्रिएशन फैसिलिटी उपलब्ध होगी। नाईट सफारी प्रोजेक्ट के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे पर गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी के समीप आवागमन की दृष्टि से उपयुक्त लगभग 300 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है, जबकि सिंगापुर में नाईट सफारी प्रोजेक्ट लगभग 100 एकड़ भूमि पर ही बनी है।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में नाईट सफारी प्रोजेक्ट की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्रेटर नोएडा में नाईट सफारी प्रोजेक्ट को क्रियान्वित करने हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय समिति का गठन कर राज्य स्तरीय क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण समिति की बैठक समय से अवश्य कराई जाए। गठित समिति में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त, वित्त, न्याय, वन एवं पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव एवं सचिव सहित मुख्य कार्यापालक अधिकारी ग्रेटर नोएडा सदस्य होंगे।
श्री उस्मानी ने प्रमुख सचिव पर्यटन को निर्देश दिए कि नाईट सफारी प्रोजेक्ट का अनुश्रवण शासन स्तर पर पर्यटन विभाग द्वारा कराया जाए। उन्होंने कहा कि ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी मुख्य कार्यपालक कार्यालय नाईट सफारी प्रोजेक्ट की कार्यकारी संस्था के रूप में कार्य करे। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि नाईट सफारी स्थापित करने के लिए सेन्टर जू अथाॅरिटी की अनुमति प्राप्त कर ली गई है।
बैठक में अवस्थापना एवं औद्योगिक आयुक्त श्री अनिल कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण श्री वी0एन0 गर्ग, मुख्य कार्यपालक अधिकारी ग्रेटर नोएडा श्री रमा रमण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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