उत्तर प्रदेश के होमगाड्र्स संगठन द्वारा 6 दिसम्बर, 2012 को अपनी स्थापना के स्वर्णजयन्ती वर्ष में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में यहां स्थित होमगाड्र्स मुख्यालय पर आगामी 11 दिसम्बर को रैतिक परेड का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव इस परेड की सलामी लेंगे।
यह जानकारी देते हुए डिप्टी कमाडेण्ट जनरल श्री शरत चन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि इस अवसर पर आज से एक चार दिवसीय होमगाड्र्स कल्याण प्रदर्शनी लगायी जा रही है। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश होमगाड्र्स का प्रादुर्भाव 1962 में चीन द्वारा भारत पर किये गये आक्रमण की पृष्ठभूमि में हुआ था। इस वर्ष संगठन ने अपने 50 गौरवमय वर्ष पूर्ण कर रहा है। होमगाड्र्स विभाग एक स्वयंसेवी संगठन है जिसका आधार ‘‘निष्काम सेवा’’ है तथा आपातकालीन परिस्थितियों हेतु समाज के नवयुवकों को इस संगठन का सदस्य बना कर उन्हें आपातकालीन स्थितियों में आम जन की सहायता के लिए प्रशिक्षित कर तैयार करना इसका प्रमुख दायित्व है।
उत्तर प्रदेश होमगाड्र्स संगठन हेतु कुल 1,18,348 होमगाड्र्स स्वयंसेवक भारत सरकार द्वारा स्वीकृत किये गये हैं, जो 1151 कंपनियों तथा 60 स्वतंत्र महिला प्लाटूनों, के अन्तर्गत समायोजित हैं। विभाग का प्रशासनिक नियंत्रण राज्य स्तर पर कमान्डेंट जनरल, होमगाड्र्स, जो पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी हैं, के अधीन होता है। जनपद स्तर पर होमगाड्र्स का प्रशासन जिलाधिकारी के नियंत्रण में जिला कमाण्डेंट, होमगाड्र्स द्वारा देखा जाता है। इनकी आवश्यकता व उपयोगिता का आकलन इससे भी लगाया जा सकता है कि वर्तमान में पूरे प्रदेश में लगभग 60,000 होमगाड्र्स स्वयंसेवक प्रतिदिवस सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था की विभिन्न ड्यूटियों में नियुक्त रह कर शान्ति व्यवस्था को बनाये रखने के लिए पुलिस बलों के साथ प्रतिस्थापित रहते हैं। वर्ष 2010 में सम्पन्न ग्राम पंचायत चुनाव के सभी चरणों में लगभग 92,000 स्वयंसेवक नियुक्त किये गये। हाल ही में सम्पन्न विधान सभा चुनाव, 2012 के सातों चरणों में शासन के निर्देश पर लगभग 35,000 होमगाड्र्स स्वयंसेवकों द्वारा प्रत्येक चरण में नियुक्त रहते हुए महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया गया।
इस विभाग का गौरवमय इतिहास है। वर्ष 1971 में भारत-पाक युद्ध के समय सीमा प्रहरी के रूप में 5 बटालियन बांग्लादेश भेजी गयी थीं। पंजाब, मध्यप्रदेश, तमिलनाडू, दिल्ली एवं उत्तराखण्ड राज्य में निष्पक्ष चुनाव की आवश्यकता पर उत्तर प्रदेश के स्वयंसेवक भारी संख्या में भेजे गये जहां इनके उत्कृष्ट कार्यों के परिणामस्वरूप इन राज्यों ने इनकी प्रसंशा भी की। यह संगठन वर्तमान में किसी भी चुनौती का सामना करने हेतु सक्षम है। कर्तव्य की बलिवेदी पर इस संगठन के लगभग 1044 होमगाड्र्स स्वयंसेवकों ने अपने प्राणों की आहुति देकर कर्तव्य परायणता का अनुकरणीय उदाहरण दिया है। अब तक इस संगठन के 118 अवैतनिक एवं वैतनिक अधिकारियों/कर्मचारियों व स्वयंसेवकों को विशिष्ट एवं सराहनीय सेवाओं के लिए ‘‘राष्ट्रपति का गृह रक्षक एवं नागरिक सुरक्षा पदक’’ दिया जा चुका है।
इस संगठन ने अखिल भारतीय होमगाड्र्स खेलकूद एवं व्यावसायिक प्रतियोगिताओं में भी 8 बार प्रथम व 3 बार द्वितीय स्थान प्राप्त कर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। वर्तमान में शान्ति व्यवस्था ड्यूटियों पर नियोजित होने वाले होमगाड्र्स स्वयंसेवकों को ड्यूटी भत्ते के रूप में 160 रु0 प्रतिदिवस तथा सार्वजनिक प्रतिष्ठानों में नियोजित होने वाले होमगाड्र्स स्वयंसेवकों को 170 रु0 प्रतिदिवस की दर से भुगतान किया जाता है। होमगाड्र्स स्वयंसेवकों के ड्यूटी भत्ते में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर बढ़ोत्तरी की जाती रही है तथा वर्तमान में भी सरकार द्वारा उनके ड्यूटी भत्तों में वृद्धि किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। होमगाड्र्स स्वयंसेवकों के कल्याण के लिए 2 करोड़ रु0 की धनराशि से कल्याण कोष की स्थापना की गयी है जिस पर प्राप्त होने वाले ब्याज से स्वयंसेवकों व उनके आश्रितों को आर्थिक लाभ दिया जाता है। ड्यूटियों के दौरान दुर्घटना में मृत्य होने या स्थायी रूप से अपंग हो जाने पर दुर्घटना बीमा के माध्यम से 3 लाख रु0 प्रति परिवार की दर से भुगतान किया जाता है। होमगाड्र्स स्वयंसेवकों के कल्याण के लिए अन्य कल्याणकारी योजनाओं पर विचार किया जा रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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