समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने चालू पेराई सत्र के लिए गन्ना मूल्य घोषित कर प्रदेश के किसानों को उनकी फसल का उचित एवं लाभप्रद मूल्य दिलाने का वायदा पूरा किया है। गन्ने का यह राज्य परामर्शी मूल्य पिछले पेराई सत्र की तुलना में प्रति क्विंटल 40 रूपए ज्यादा है। अब सामान्य प्रजाति की कीमत 280 अनुपयुक्त प्रजाति की 275 रूपए तथा अगैती प्रजाति के गन्ने के लिए 290 रूपए प्रति कुंतल घोषित की गई है। समाजवादी सरकार का यह स्वागत योग्य कदम है।
समाजवादी पार्टी की सरकार ने किसानों के हितों की प्रतिबद्धता को अमली जामा पहनाने का सराहनीय काम किया है। 50 हजार तक कर्ज माफी, बंधक जमीन की नीलामी पर रोक, सिंचाई की मुफ्त सुविधा, फसल बीमा, आपदाग्रस्त किसान परिवारों को मदद, बृद्ध सीमांत कृषकों को पेंशन तथा खाद बीज की उपलब्धता ये सारी व्यवस्थाएं की जा चुकी हंै। खाद के अग्रिम भंडारण हेतु वर्ष 2012-13 के बजट में 100Û00 करोड़ रूपए का प्राविधान किया गया है और ग्रामीण अंचलों में जिला सहकारी बैंक द्वारा 2440 करोड़ रूपए फसली ऋण वितरित किया गया है।
मुख्यमंत्री जी किसानों की आर्थिक समृद्धि, कृषि उत्पादकता में वृद्धि और कृषि सुधारों को मजबूती देने के लिए शपथग्रहण के पहले दिन से ही प्रयत्नशील हैं। इस तरह श्री अखिलेश यादव ने श्री मुलायम सिंह यादव की नीतियों को आगे बढ़ाया है। श्री मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में मिलों से गन्ने की कीमत एक हफ्ते में दिलाने के साथ गन्ना किसानों का 1700 करोड़ रूपए बकाया भी अदा कराया गया था।
जिन विपक्षी नेताओं को आज समाजवादी पार्टी की सरकार द्वारा गन्ना किसानों के हित में घोषित समर्थन मूल्य पर एतराज है उन्हें पहले अपने रिकार्ड पर भी निगाह डाल लेनी चाहिए। पिछली बसपा सरकार में गन्ना किसानों को अपना गन्ना खेतों में जलाना पड़ गया था। उचित मूल्य और मुआवजे की मांग पर किसानों को गोलियां और जेल मिली। जो अब गन्ना किसानों को कम समर्थन मूल्य मिलने का अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं उन्होने पिछली सरकार में किसानों को ढाई सौ रूपए समर्थन मूल्य ही दिया था। बसपा राज में खाद मांगने पर किसानों पर लाठियां बरसी थी। जिन्होने अपने कार्यकाल में हर तरह से किसानों को बर्बाद किया था आज वे ही किसानों के नकली पैरोकार बन रहे हैं।
समाजवादी पार्टी की सरकार के फैसले से प्रदेश के गन्ना किसानों को 21,500 करोड़ रूपए मूल्य का भुगतान किया जाएगा। गन्ना किसानों को इस तरह पिछले वर्ष की तुलना में वर्तमान वित्तीय वर्ष में लगभग 3300 करोड़ रूपए गन्ना मूल्य के रूप में अधिक प्राप्त होगें। स्पष्ट है कि सरकार ने अपेक्षा से ज्यादा गन्ना किसानों को लाभ पहुॅचाया है। पिछली बसपा सरकार ने अंतिम बजट में मूल्य बढ़ाया था जबकि समाजवादी पार्टी सरकार ने पहले ही बजट में 290 रूपए प्रति कुंतल मूल्य घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री स्वयं कृषक परिवार से होने के नाते खेती और किसान की समस्याओं को भली भांति समझते हैं। उन्होने किसानों को तमाम सहूलियतें देकर अपनी इस कथनी को करनी में बदल दिया है कि किसान की खुशहाली से ही प्रदेश खुशहाल हो सकता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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