पूर्ति विभाग में आए दिन एक से बढकर एक कारनामो का खुलासा होता रहा है ताजे मामले में नगर क्षेत्र के ४९ कोटेदारो ने खाद्यान्न का वितरण ५ दिसम्बर से प्रारम्भ कर दिया है और सभी ४९ कोटेदारो के यहां एक एक पर्यवेक्षक को नियुक्त किया गया है ।
जिसकी देख रेख में ए.पी.एल. बी.पी.एल. एवं अन्तोदय कार्ड धारको को मानक के अनुसार राशन उपलब्ध करवाना है । परन्तु यहां तो पूर्रि्र्त विभाग ने सारे नियम कानून को धता बताते हुए दो दिन मे ही सारी मलाई उतार लिया यानि ५ दिसम्बर से खाद्यान्न वितरण हो रहा है और ७ दिसम्बर को लगभग १ बजे पर्यवेक्षक को सूचना दी जा रही है कि आप को नगर के कोटेदारो के यहां खाद्यान्न वितरण के लिए प्रेक्षक बनाया गया है । यानि जितना लाल काला करना था दो दिन मे पूर्रि्त विभाग ने कोटेदारो के माध्यम से करवा लिया ।
बाल विकास सिटी परियोजना से ४ मुख्य सेविकाओं को प्रेक्षक बनाया गया जिनको सूचित ७ दिसम्बर को किया जा रहा है इस मामले मे जिला पूर्रि्त अधिकारी से वार्ता करना चाहा तो उनका मोबाईल बन्द मिला पूर्रि्त निरीक्षक ने फोन पर बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है । मामला पहली बार का नही है मामला विभागीय घोर लापरवाही का है और लापरवाही मे नियमतरू कार्यवाही होनी चाहिए तो ऐसे मे जिम्मेदारो के उपर कौन सी कार्यवाही होगी यह तो भविष्य के गर्भ मे है । परन्तु इस प्रकार की लापरवाही मे कही न कही खाद्यान्न घोटाला हुआ है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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