राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि राष्ट्रीय लोकदल ने घोषणा की थी कि गन्ने का मूल्य घोषित न होने पर पर राष्ट्रीय लोकदल के विधायक सदन की कार्यवाही नहीं चलने देंगे। अपने वादे के मुताबिक राष्ट्रीय लोकदल विधायकों ने आज सदन में नियम 311 के अन्र्तगत सूचना दे रखी थी तथा सदन प्रारम्भ होते ही वेल में आकर “गन्ने का दाम नहीं तो सदन नहीं” का नारा लगाने लगे और सदन के स्थगित होने तक वेल में ही डटे रहे।
श्री सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय लोकदल के विधायक वीरपाल राठी, तथा भगवती प्रसाद सूर्यवंशी ने नियम 311 के अन्र्तगत सूचना दी थी कि गन्ने का पेराई सत्र अक्टूबर माह में प्रारम्भ हो गया है। दो माह बीत जाने के बाद भी प्रदेश की सरकार ने अभी तक गन्ने का दाम तय नहीं किया। प्रदेश में अधिकतर किसान अनुपयुक्त किस्म का गन्ना बोते हैं इस किस्म की पैदावार भी अधिक है। गन्ने का रेट घोषित न होने के कारण किसान अपना गन्ना 160 से 200 रूपये प्रति कुन्टल की दर से खाण्डसारी मिलों व क्रेसर पर बेचने को मजबूर हैं। पूरे प्रदेश में किसान लूटा जा रहा है। हमारे प्रदेश के किसानों का आलू और गन्ना ही नकदी फसल है। आलू और गन्ना ही इस प्रदेश की आर्थिक रीढ़ है। अगर गन्ने से किसान का मोहभंग हो गया तो पूरे प्रदेश की अर्थव्यवस्था चरमरा जायेगी। अभी तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदों में शुगर फैक्ट्रियों में गन्ने की पेराई भी प्रारम्भ नहीं हुयी है। विधायकों ने माँग की थी कि सदन में सभी नियमों को शिथिल कर इस लोक महत्व के प्रश्न पर सबसे पहले चर्चा करायी जाये और गन्ने का मूल्य निर्धारित किया जाये।
श्री सिंह ने यह भी बताया कि अगर 10 तारीख तक गन्ने का मूल्य घोषित न किया गया तो राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ता किसानों के सहयोग से पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा प्रदेश के अन्य मुख्य मार्गों को जाम करके प्रदेश को ठप कर देंगे और यह जिम्मेंदारी प्रदेश सरकार की होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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