उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिये कि आगामी कुम्भ मेला के स्नान पर्वो में तीर्थ यात्रियों को निर्मल गंगा जल धारा उपलब्ध कराने हेतु गंगा नदी के जल को प्रदूषित करने वाली इकाइयोें को चिन्हित कर स्नान पर्वो के समय नियमानुसार बन्द करने की कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाय। उन्होंने कहा कि गंगा जल में प्रदूषण फैलाने वाली यूनिटों को चिन्हित कर व उनका निरीक्षण कर प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित कराने हेतु सम्बन्धित जिलाधिकारियों व संबंधित विभागो के साथ एक बैठक शीघ्रताशीघ्र आयोजित कराई जाय। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यावरण विभाग का दायित्व है कि गंगा नदी में उद्योगों के कचरे और अपशिष्टों को गिरने से रोकने हेतु समस्त उपायो का कानूनी तौर पर परीक्षण कर समस्त आवश्यक कदम उठाए जायें।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कक्ष के सभागार में गंगा नदी में प्रवाहित होने वाले उद्योगों का कचरा एवं अपशिष्टों के रोकथाम हेतु आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे ताकि ‘अविरल व निर्मल गंगा की कल्पना को मूर्त रूप दिया जा सकंे’। उन्होंने कहा कि गंगा नदी के जल को प्रदूषित करने वाली औद्योगिक यूनिटो को चिहिन्त कर एक सूची बनाकर निरीक्षण कराया जाय ताकि किसी भी स्थिति में कुम्भ मेला स्नान पर्वों के दौरान किसी भी स्थिति में प्रदूषित जल गंगा व यमुना में न आने पाये। उन्होंने प्रमुख सचिव सिंचाई को निर्देश दिये कि गंगा नदी में स्नान पर्वों के समय पर्याप्त स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने हेतु पर्याप्त जलापूर्ति सुनिश्चित करायें।
बैठक में प्रमुख सचिव पर्यावरण एवं संस्कृति, श्री वी0एन0 गर्ग, प्रमुख सिंचाई, श्री दीपक सिंघल, विशेष सचिव नगर विकास, श्री एस0पी0 सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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