मंत्रिपरिषद ने हस्तशिल्प विपणन प्रोत्साहन योजना के क्रियान्वयन हेतु नियमावली को अनुमोदित कर दिया, जिसे हस्तशिल्प विपणन प्रोत्साहन योजना कहा जाएगा।
इस योजना के तहत शिल्पियों को कार्यशाला से मेले/प्रदर्शनी स्थल तक ले जाने वाले माल पर आने वाले व्यय आदि के प्रतिपूर्ति हेतु अधिकतम 10 हजार रुपये की सहायता राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। योजना का उद्देश्य प्रदेश के हस्तशिल्पियों को मेले/प्रदर्शनी के माध्यम से उचित मूल्य प्राप्त करवाना तथा उनके शिल्प की पहचान को देश/विदेश तक पहुंचाना है। यह योजना प्रदेश के समस्त जनपदों में लागू की जाएगी। उद्योग निदेशक की अध्यक्षता में जिला उद्योग केन्द्रों के महाप्रबन्धकों की प्रत्येक माह होने वाली विभागीय समीक्षा बैठक में इस योजना के तहत की गई कार्यवाही की भी समीक्षा की जाएगी। इस योजना के माध्यम से राज्य के लगभग 25 लाख हुनरमन्द हस्तशिल्पियों का सामान्य एवं आर्थिक स्तर बढे़गा और उन्हें प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होंगे। इससे राज्य से निर्यात में भी वृद्धि होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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