राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि मथुरा के सांसद जयन्त चैधरी जी ने नियम 377 के अधीन लोकसभा में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उच्च न्यायालय इलाहाबाद की एक पीठ के स्थापना हेतु मामला उठाया है। ज्ञात हो कि यह सदन का अति महत्वपूर्ण नियम है। इसके अन्र्तगत सदन न चलने पर भी मामला पटल पर रखा जाता है जिसका उत्तर सरकार को लिखित रूप में देना पड़ता है।
श्री चैधरी ने मामला उठाते हुये कहा कि मा0 उच्च न्यायालय की एक पीठ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थापित करने की आवश्यकता है क्योंकि मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद में सन् 2011 तक लगभग 9 लाख मुकदमें लम्बित रहे हैं। यह देश का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय है जहां 160 न्यायाधीशों की नियुक्ति होनी चाहिए परन्तु अधिकांश पद रिक्त हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता को न्याय प्राप्त करने हेतु लगभग 600 किमी की यात्रा करनी पड़ती है जिसमें उनका समय व धन दोनों बरबाद होता है। वर्ष 1985 मंेें जसवन्त सिंह आयोग ने भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उच्च न्यायालय की एक पीठ की स्थापना की संस्तुति की थी। प्रदेश सरकार ने भी पूर्व में ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मा0 उच्च न्यायालय की एक पीठ स्थापित करने की सिफारिश की थी तथा विधि आयोग ने भी अपनी 230वीं रिपोर्ट में इसका समर्थन किया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मा0 उच्च न्यायालय की पीठ स्थापित होना वहां की जनता का मौलिक अधिकार है।
श्री चैधरी ने केन्द्र सरकार से अनुरोध किया है कि मा0 उच्च न्यायालय के गठन हेतु आवश्यक नीति एवं संसाधनों की व्यवस्था करें जिससे मा0 उच्च न्यायालय का विकेन्द्रीकरण हो सके और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता की लम्बे समय से चली आ रही माँग पूरी हो और सस्ता न्याय सुलभ हो सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com