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प्रदेश में बिजली का उत्पादन नहीं है, वहीं दूसरी तरफ मुफ्त बिजली देने की बात आश्चर्यचकित करती है

Posted on 01 December 2012 by admin

राज्य सरकार द्वारा गांवों को 10 घंटे बिजली देने की बात कहकर जहां खुद स्वीकार कर चुकी है कि प्रदेश में बिजली का उत्पादन नहीं है, वहीं दूसरी तरफ मुफ्त बिजली देने की बात आश्चर्यचकित करती है। जिस प्रदेश में बिजली की अनुपलब्धता के चलते लोगों को सामान्य बिजली की आपूर्ति भी संभव नहीं हो पा रही हो, ऐसे में किसानों को मुफ्त बिजली देने की बात कहना सिर्फ उनका उपहास उड़ाना है।
प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि वर्ष 1989 के बाद जितनी भी गैर कांग्रेसी सरकारें उ0प्र0 में बनीं, उनके द्वारा बिजली उत्पादन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिसके चलते एक भी नये बिजलीघर नहीं स्थापित किये गये। नतीजतन दिनों-दिन बिजली की भारी कमी के चलते बिजली आपूर्ति पूरी तरह ध्वस्त हो गयी। इतना ही नहीं कर्ज चुकाने के लिए प्रदेश सरकार की ऊंचाहार और टाण्डा थर्मल पावर को राज्य सरकार एनटीपीसी के हाथों बेंचने हेतु बाध्य होना पड़ा।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों को मुफ्त बिजली देने का वादा करके एक बार पुनः किसानों को गुमराह करने का कार्य किया है। अच्छा हेाता कि मुफ्त बिजली देने की घोषणा करने से पहले इस बात का पता लगा लेती कि उ0प्र0 में कितने मेगावाट बिजली का उत्पादन है और शहरों या गांवों को कितनी बिजली दी जा रही है। प्रदेश में रवी की बुआई चल रही है और साथ ही साथ सिंचाई भी शुरू हो चुकी है किन्तु किसान बिजली को लेकर सशंकित हैं कि यदि बिजली की स्थिति यही रही तो सिंचाई हो पाना असंभव हो जायेगा। ऐसे में एक ओर जहां सरकार के विरोधाभासी बयान कि गांवों को 10 घंटे बिजली दी जायेगी। वहीं दूसरी ओर मुफ्त बिजली देने की बात कहकर सरकार क्या साबित करना चाहती है। क्या ऐसी कोरी घोषणाएं करने से चुनाव के पूर्व किये गये वादे पूर्ण हो जाते हैं?
प्रवक्ता ने कहा कि अगर केन्द्र सरकार ने हजारों करोड़ रूपये देकर राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत गांवों में बिजली पहुंचाने का कार्य नहीं किया होता तो शायद आज उ0प्र0 का ज्यादातर आबादी बिजली से अछूता रहता।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि हालात यह है कि प्रदेश के सैंकड़ों गांवों में आज तक बिजली के खंभे नहीं है ऐसे में मुफ्त बिजली देने की बात कहना उन्हें चिढ़ाने के समान है। गैर कांग्रेसी प्रदेश सरकारों के चलते आजादी के 65 वर्ष बाद भी यही कारण है कि आज भी सैंकड़ों गांव बिजली से महरूम हैं वहीं दूसरी ओर प्रदेश में कालाबाजारी एवं मुनाफाखोरी के चलते उन्हें ढिबरी भी नसीब नहीं हो पा रही है। गांवों में शाम होते ही सन्नाटा पसर जाता है और लोग अपने घरों में दुबकने के लिए मजबूर हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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