वजन के आधार पर कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों का किया जाता है वर्गीकरण
प्रदेश के बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार मंत्री श्री राम गोबिन्द चैधरी ने आज विधान सभा सदन को अपने लिखित उत्तर में बताया कि बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा 6 माह से 6 वर्ष की आयु तक के बच्चों में वृद्धि की निगरानी की जाती है। यह उत्तर उन्होंने विधान सभा सदस्य श्री सुनील कुमार सिंह यादव एवं सत्य प्रकाश अग्रवाल द्वारा पूछे गये तारांकित प्रश्न के जवाब में दिया। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा माह सितम्बर में कराये गये सर्वे के अनुसार 156.41 लाख बच्चों का वजन लिया गया जिसमें 61.18 लाख बच्चे कुपोषण की श्रेणी में पाये गये।
श्री चैधरी ने बताया कि बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा बाल विकास परियोजना के अन्तर्गत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में संचालित आगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कुपोषण से बचाव के लिए बच्चों का वजन के आधार पर कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों का वर्गीकरण किया जाता है। बच्चों को अनुपूरक पुष्टाहार तथा कुपोषित की श्रेणी में आने वाले बच्चों को अतिरिक्त पोषाहार उपलब्ध कराया जाता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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