Categorized | लखनऊ.

अलग पहिचान के लिए कोरी समाज अपना राजनीतिक इतिहास संकलित करेगा

Posted on 27 November 2012 by admin

कोरी समाज के सामाजिक, राजनीतिक पहिचान के विलुप्तीकरण की समस्या को देश के जाने माने शीर्ष राजनीतिज्ञों, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों, बुद्धजीवियों, साहित्यकारों पत्रकारों ने चिंता व्यक्त की है और अपनी अलग पहिचान बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने का निर्णय लिया है।
इस आशय की जानकारी देते हुए समाज के एक बुद्धजीवी ने बताया कि नवम्बर 2012 के तीसरे सप्ताह में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में देश भर से आए कोरी समाज के प्रतिनिधियों की एक ऐतिहासिक बैठक संपन्न हुई जिसमें निर्णय लिया गया कि समाज को सामाजिक संास्कृतिक राजनैतिक साहित्यिक और  पत्रकारिता के क्षेत्र में मजबूत करने के लिए 6 बिन्दुओं पर ठोस प्रयास किए जाए तथा समाज को प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए समर्थ बनाया जाए।
समाज के लोग स्थानीय, क्षेत्रीय स्तर के छोटे-छोटे संगठनों में बटे होने के कारण एक बड़ी ताकत नहीं दिखा पाते इसलिए अखिल भारतीय सतगुरू कबीर विचार मंच की स्थापना कर समाज को राष्ट्रीय पर जोड़ने का सुझाव दिया गया ताकि समाज संगठित होकर एक ताकत बन सके। वैसे भी कोरी समाज के करोड़ों लोग संत कबीर की गुरू शिष्य परम्परा से जुडे है और देश भर में फैले है इनके साथ साथ अलग थलग पडे़ समाज के लोगों को जोड़कर एकता स्थापित की जा सकती है इसके लिए गंभीर प्रयास करने की बात कहीं गई।
कोरी समाज के विभिन्न दलों में बटे होने तथा समाज के लोगों में राजनीतिक चेतना न होने कारण किसी राजनीतिक दल द्वारा विशेष प्रतिनिधित्व नहीं दिया जाता, यह समाज के सामने एक गंभी समस्या है। इस समस्या पर निर्णय लिया गया है कि जो लोग किसी राष्ट्रीय, प्रादेशिक और क्षेत्रीय दलों से जुडे है वे वहीं रह कर कार्य करें तथा समाज के राजनीतिक, सामाजिक संगठनों को भी सहयोग करं,े जो लोग किसी दल में नहीं जुडे़ वे हमारा दल में जुड़कर अपने राजनीतिक दल को मजबूत करें। हमारा दल एक राजनीतिक प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में काम करें।
इसी के साथ साथ यह बात भी प्रकाश में आई है कि समाज द्वारा किए गए राजनीतिक संघर्ष को विभिन्न राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता इसलिए कोरी समाज अपना सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक संघर्ष का इतिहास संकलित करेगा और सर्व समाज को अपने योगदान से परिचित कराएगा। इतिहास संकलन का कार्य लेखन पत्रकारिता से जुडे श्री शिवप्रसाद भारती के संरक्षण में एक समिति द्वारा किए जाने का निर्णय लिया गया।
सामाजिक सांस्कृतिक और राजनीतिक संघर्ष के इतिहास संकलन की रूपरेखा पर चर्चा करते हुए शिवप्रसाद भारती ने कहा कि इतिहास संकलन समिति में अनेक महत्वपूर्ण लोगों को जोड़ना है जो लोग इसमें सहयोग दे सकते हो वे सहर्ष अपना विवरण भेजे। देश में जितनी भी कोरी समाज, झलकारी बाई, संत कबीर या अन्य किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति, संत या महापुरूष के नाम पर संस्थाएं है वे अपने संस्था द्वारा कोरी समाज के उत्थान में किए गए योगदान का विवरण ;यथायोग्य प्रमाण सहित सोसाइटी एक्ट में पंजीकरण प्रमाण पत्र नियमावली आदिद्ध गतिविधियों के फोटोग्राफ प्रेस क्लिपिंग आदि पे्रषित करें।
इसी प्रकार समाज के सांस्कृतिक योगदान को संकलित करने के लिए कहा गया है कि कोरी समाज के लोगों द्वारा संचालित सांस्कृतिक संस्थाएं अपने सांस्कृतिक योगदान पंजीकरण प्रमाण पत्र, गतिविधियों के फोटोग्राफ, वर्तमान पदाधिकारियों तथा कलाकारों की उपलब्धियों सहित विवरण अलग से प्रेषित करें। कवि साहित्यकार, पत्रकार अपने योगदान का विवरण अलग से भेजे।
ऐसा नहीं है कि कोरी समाज का राजनीतिक संघर्ष का इतिहास नहीं है किन्तु व्यवस्थित व प्रस्तुतीकरण के योग्य न होने के कारण हम दूसरे के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर पाते जिसके कारण समाज का मूल्यांकन नहीं हो पाता इसी से हमें राजनीतिक प्रतिनिधित्व भी नहीं मिल पाता। पिछले तीन दशक पहले अस्तित्व में आई और चार बार सत्ता में रही एक पार्टी में कोरी समाज की अहम भूमिका रही है। उत्तर प्रदेश में प्रारम्भिक सरकारी कर्मचारियों के संगठन बामसेफ, सामाजिक संगठन डीएस फोर और राजनीतिक दल बसपा, तीनों के प्रदेश अध्यक्ष बाबू कुन्दनलाल थे जो कोरी समाज के थे किन्तु उस दल में आज हमारे समाज का एक प्रतिनिधि भी नहीं है। समाज के ऐसे ही सरकारी कर्मचारियों सामाजिक, राजनैतिक व्यक्तियों के संघर्ष को संकलित करने की पहल की गई है।
इतिहास संकलन के लिए कहा गया है कि समाज के जिन लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया है वे स्वयं या उनके पुत्र पुत्री, प्रतिनिधि, जिन्होंने किसी राजनीतिक दल में रहकर समाज के लिए संघर्ष किया है या पदाधिकारियों ;एमपी, एमएलए या पार्टीद्ध के रूप में समाज की सेवा की है या सरकारी कर्मचारी रहते हुए वामसेफ डीएस फोर बसपा के लिए संघर्ष किया है तो उसका विवरण प्रमाण ;पर्चा, पोस्टर, फोटोग्राफ प्रेस क्लिपिंगद्ध सहित प्रेषित करें जिसके अनुसार इतिहास तैयार किया जाएगा।
समाज के लोगों के बीच विचारों के आदान प्रदान और सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक चेतना के प्रचार प्रसार के लिए भभकहत कबीरा्य्य मासिक समाचार पत्र के प्रकाशन का भी प्रस्ताव है। इन सब में समाज के लोगों को सक्रिय रूप से जुड़ने का अनुरोध है। समिति के संरक्षक का कहना है कि हो सकता है आप तक हमारी बात सीधे न पहुंचे किन्तु यदि कहीं से जानकारी मिल जाती है तो जिस भी संस्था, संतगुरू कबीर विचार मंच, इतिहास संकलन समिति, समाचार पत्र के सम्पादक मण्डल या राजनीतिक रूप से जुड़ना चाहे या कोई पद लेकर कार्य करना चाहे सम्पादक मण्डल में रहना चाहे या जिस भी रूप में योगदान दे सकते हो अपनी सहमति भेजे।
बुद्धजीवी मण्डल का कहना है कि समाज बहुत बड़ा है। चाहे समाज का क्षेत्र हो या संस्कृति का, साहित्य का क्षेत्र हो या पत्रकारिता या राजनीति का समाज में एक से एक योग्य व्यक्ति है बस इन सभी को एकता नहीं बन पा रही है। हो सकता है कि आपमें वह क्षमता हो जो इस लक्ष्य को पाने में महत्वपूर्ण हो सकती है किन्तु हमारी पहुंचे आप तक न हो पा रही हो तो आप यह न सोचे कि हमसे तो सम्पर्क नहीं किया गया बल्कि स्वयं सम्पर्क कर जिस क्षेत्र में चाहे रूचि के अनुसार योगदान दें। यदि आप सब इसी नजरिये से सोचेगें और योगदान देगें तो वह दिन दूर नहीं होगा जब कोरी समाज भी सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से समर्थ होगा और सर्व समाज के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चल सकेगा। कोई भी प्रस्ताव संयोजकः सतगुरू कबीर विचार मंच सी 112 सेक्टर जी एलडीए कालोनी कानपुर रोड लखनऊ 226012, मो. 9412523148 swadesh.kori@gmail.com पर प्रेषित कर सकते है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in