प्रदेश के कई जिलों में पिछले 8 माह के दौरान खुफियातंत्र की नाकामी और पुलिस प्रशासन की लापरवाही के चलते कहीं साम्प्रदायिक दंगा तो कहीं जातीय संघर्ष भीषण और वीभत्स रूप धारण कर चुका है किन्तु राज्य सरकार कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सिर्फ पुलिस अधिकारियों के तबादले करके इतिश्री मान ले रही है। हालत तो यह है कि पूरे प्रदेश में आम जनमानस में भय व्याप्त हो गया है। प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार कानून व्यवस्था के मुद्दे पर पूरी तरह विफल साबित हो रही है।
प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता वीरेन्द्र मदान ने आज यहां जारी बयान में कहा कि कल मोहर्रम के जुलूस के मौके पर खुफिया तंत्र की नाकामी की वजह से कानपुर, मेरठ, भदोही, कुशीनगर आदि जनपदों में हुए बवाल और संघर्ष प्रदेश सरकार की कानून व्यवस्था को धता बताने का सबूत है। एक ओर जहां प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बताने में नहीं चूक रही है वहीं रोजाना हो रही हत्याएं, बलात्कार, अपहरण, दंगे, चोरी, लूट, मारपीट, डकैती की घटनाओं में बाढ़ सी आ गयी हैं और राज्य सरकार इन घटनाओं को रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है।
प्रवक्ता ने कहा कि उ0प्र0 में सरकार के गठन के पिछले 8 माह के दौरान अनेकों अपहरण, हत्याएं एवं लूट की घटनाएं जो कि अखबारों की सुर्खियां बन चुकी हैं। इन सब घटनाओं के बाद राज्य सरकार ने कार्यवाही करने के नाम पर सिर्फ धार्मिक नगरी में हुए साम्प्रदायिक दंगे के दौरान प्रदेश के एजीडी कानून व्यवस्था का तबादला करके नये एडीजी की नियुक्ति कर दी थी और यह मान लिया था कि अब प्रदेश की कानून व्यवस्था सुचारू रूप से चलेगी लेकिन कल फिर कई जनपदों में कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करते हुए अराजक तत्वों ने प्रदेश सरकार को चुनौती देने का कार्य किया है।
प्रवक्ता ने कहा कि समाजवादी पार्टी के गठन के बाद बरेली, मथुरा, फैजाबाद, गाजियाबाद, बिजनौर सहित लगभग ताबड़तोड़ 9 साम्प्रदायिक घटनाएं प्रदेश सरकार की लचर कानून व्यवस्था और लापरवाही को खुद-ब-खुद बयां कर रहे हैं। उन्होने कहा कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था सुदृढ़ करने एवं अपराध को रोकने हेतु ठोस कदम उठाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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