आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों की रिहाई के सवाल से वादा खिलाफी और 8 महीने में दस दंगे कराने वाली सपा सरकार के खिलाफ 26 नवंबर को विधान सभा धरना स्थल पर राजनीतिक संगठनों द्वारा धरना दिया जाएगा।
धरने को प्रमुख में रुप से सीपीआई(एम) नेता व पूर्व सांसद सुभाषिनी अली, मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित संदीप पांडे, पूर्व पुलिस महानिरिक्षक एसआर दारापुरी, मोहम्मद सुलेमान (राष्ट्रीय अध्यक्ष इंडियन नेशनल लीग), एडवोकेट मोहम्मद शुएब (अध्यक्ष रिहाई मंच), जैद अहमद फारुकी (उपाध्यक्ष रिहाई मंच), ताहिरा हसन (एपवा), मोहम्मद आफाक (प्रध्यक्ष अध्य़क्ष सोशलिस्ट फ्रंट इंडिया), असद हयात (महासचिव आवामी काउंसिल फाॅर डेमोक्रेसी एंड पीस), खालिद साबिर (राष्ट्रीय अध्यक्ष मुस्लिम मजलिस यूपी), ओमकार सिंह (राष्ट्रीय महासचिव सोशलिस्ट पार्टी इंडिया), सतेन्द्र सिंह (पीयूएचआर), राघवेन्द्र प्रताप सिंह, एसआईओ, एनएपीएम, नेशनल पीस फेडरेशन, जन संघर्ष मोर्चा, एपीसीआर, लोक राजनीति मंच, एसडब्लूएआई, एआईपीएफ, संजरपुर संघर्ष समिति, जेयूसीएस समेत अनेक संगठनों के नेता संबोधित करेंगे।
धरने में प्रमुख रुप से सपा राज में कोसी कला मथुरा, बरेली, अस्थान प्रतापगढ, फैजाबाद में हुए मुस्लिमों पर एक तरफा हमले के दोषियों को सजा दिलाने, यूपी कचहरी, रामपुर, गोरखपुर, वाराणसी समेत सभी आतंकी घटनाओं की जांच, आरडी निमेष रिपोर्ट सार्वजनिक करने, इन मामलों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने, रिहा हुए बेगुनाहों को मुआवजा-पुर्नवास, निर्दोषों को फंसाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवायी करने, माथुर कमीशन की रिपोर्ट सार्वजनिक करने, आयोगों बेगुनाहों को जल्द रिहा करने, तारिक-खालिद कि फर्जी गिरफ्तारी की तरह ही सपा सरकार में शकील की गिरफ्तारी पर जांच आयोग का गठन करने व डीजीपी एसी शर्मा जिन पर 1992 में कानपुर में हुए दंगों में संलिप्तता का आरोप है उनको हटाने की मांग होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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