भारतीय जनता पार्टी ने आज कहा कि उच्च न्यायालय की इतनी तल्ख टिप्पणी के बाद समाजवादी पार्टी की सरकार सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है। भाजपा प्रवक्ता राजेन्द्र तिवारी ने पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा में कहा कि आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ जहां एक तरफ पूरी दुनिया जूझ रही है व आतंकवाद के खिलाफ मुहिम मे जुटी है वही सपा सरकार आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में बंदी लोगों को निर्दोष बताकर वोट की लालच में छोड़े जाने का प्रयास आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त लोगो के मनोबल को बढ़ावा देगा। श्री तिवारी ने कहा कि समाजवादी सरकार ने एक वर्ग विशेष का प्रश्न्न कर वोट हासिल करने की लालच में तुष्टिकरण की सारी हदे पार कर दी है। यही कारण है कि न तो यह सरकार कानून व्यवस्था पर कोई नियंत्रण कर पा रही है न ही प्रदेश की बुनियादी समस्याओं का हल करने की दिशा में कोई ठोस कदम उठा पा रही है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि अल्पसंख्यक वोटों के सौदागरों सेे सपा सुप्रीमों द्वारा किए गए गुप्त समझौते की परिणति, संकटमोचन मंदिर वाराणसी, कैण्ट स्टेशन, रामपुर सी.आर.पी.एफ. कैम्प तथा दशासुमेध घाट पर हुए सीरियल बम ब्लास्ट में शामिल आरोपियों को निर्दोष बताकर प्रदेश सरकार द्वारा छोड़े जाने के प्रयास है। श्री तिवारी ने कहा कि सपा सरकार वोट की लालच में नियम कानून तथा देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है। सपा सरकार का आतंकवादी से प्रेम का पुराना इतिहास है तथा नदवा से पुलिस द्वारा पकड़े गये आतंकवादियों को छुड़ाना इसका पुराना उदाहरण है। यह अत्यन्त गम्भीर विषय है व माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सरकार के प्रयास पर की गई टिप्पणी इतनी गम्भीर है कि प्रदेश सरकार को अब तुष्टीकरण के ऐजेण्ड से बाज आना चाहिए तथा न्याय, कानून व्यवस्था तथा राष्ट्रहित की चिन्ता करनी चाहिए।
श्री तिवारी ने कहा कि सपा सरकार के 8 माह के कार्यकाल में हुए एक दर्जन से अधिक दंगे इसी तरह की रीतिनीत का परिणाम है। उन्होंने आश्चर्य किया कि एन0एच0आर0एम0 घोटालों में डाक्टरों पर चार्जशीट का मामला, प्रदीप शुक्ल की ज्वाइनिंग, नोएडा में जमीन घोटाले आदि सभी मामलों में सरकार उच्च न्यायालय के आदेश निर्दोश के बाद ही हरकत में आई या अपने निर्णय वापस लिये। भाजपा प्रवक्ता ने सरकार की कार्यशौली व विवेक पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोपित लोगों को सरकार द्वारा छोड़े जाने के प्रयास के विरूद्ध भाजपा ने बहुत मजबूती से कई बार आवाज उठाया था। अधिवक्ता संघो व जनसामन्य ने भी सरकार के इस मुहिम का तल्ख विरोध किया पर सरकार है कि जनता की आवाज का अनसुना कर आगे बढ़ती ही जा रही है। भाजपा प्रवक्ता ने सरकार से कहा कि कानून व्यवस्था वोट की लालच में वह इस हद तक तुष्टीकरण की कार्यशौली न अपनाएं जहां प्रदेश की कानून व्यवस्था तथा सुरक्षा प्रभावित हो जाये। उन्होने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर तत्काल अपने प्रयास को वापस करने की घोषणा कर उच्चन्यायालय द्वारा व्यक्त भावना का सम्मान करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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