उ0प्र0 सरकार की गन्ना किसानों के प्रति उदासीनता के चलते पेराई सत्र शुरू होने के पूरे एक माह व्यतीत हो जाने के बाद भी न तो गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित किया गया है और न ही प्रदेश की सभी चीनी मिलों ने पेराई शुरू किया है। इससे यह सिद्ध होता है कि प्रदेश सरकार चीनी मिल मालिकों को नाराज नहीं करना चाहती है, जिससे किसानों में रोष व्याप्त है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि गन्ने का पेराई सत्र अक्टूबर माह से ही शुरू हो जाता है और 01 नवम्बर तक लगभग सभी चीनी मिलें पेराई करना शुरू कर देती हैं। किन्तु इस बार प्रदेश की 121 चीनी मिलों में से सिर्फ 18 से 19 चीनी मिलें ही चालू हो पायी हैं। उन्होने कहा कि इतना ही नहीं पूर्वांचल में तो अभी एक भी चीनी मिलों ने पेराई शुरू नहीं की है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश के गन्ना किसानों का सहकारी एवं निजी चीनी मिलों पर लगभग 120 करोड़ रूपया अभी तक बकाया है जिसका भुगतान नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण किसान परेशान है। आये दिन गन्ना किसान बकाये भुगतान को लेकर चीनी मिलों पर धरना-प्रदर्शन करने को विवश हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा गन्ना किसानों को सिर्फ बरगलाने के नाम पर कुछ रूपये गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाकर किसानों का हितैषी होने का ढोंग रचती रही हैं। किन्तु वर्तमान सरकार ने अभी तक समर्थन मूल्य तक घोषित नहीं किया है। उन्होने कहा कि आखिर राज्य सरकार किस दुविधा में है कि उसने अभी तक गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया है, इसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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