समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनावी वायदों को पूरा करने के लिए एक के बाद एक जो महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं उससे जनता में उनके नेतृत्व के प्रति विश्वास प्रगाढ़ हुआ है किन्तु विपक्ष के कई नेताओं की नींद हराम हो गई है। उन्हें प्रदेश का विकास फूंटी आंखो नहीं सुहा रहा है क्योंकि अपने सत्ताकाल के पंाच साल में तो वे पत्थरों में मोटा कमीशन वसूलने में ही लगे रहे थे। जिनको जनता ने शासन के लायक नहीं समझा वे समाजवादी पार्टी सरकार के सुशासन पर उंगलियां उठाने की हास्यास्पद कोशिशें कर रहे है।
समाजवादी पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र के वायदे के अनुसार कल मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर 7Û20 लाख किसानों की कर्ज माफी की घोषणा प्रदेश में किसानों को कर्ज से उबारने की दिशा में एक प्रशंसनीय पहल है। सरकारी खजाने से इसपर 16Û50 अरब रूपए खर्च होगें। समाजवादी पार्टी सरकार ने चालू बजट में 5 सौ करोड़ रूपए की व्यवस्था की थी, बाकी अगले बजट में होगी। मुख्यमंत्री जी ने इसके पूर्व किसानों की बंधक जमीन की नीलामी पर प्रतिबंध, आपदाग्रस्त किसानों को मदद, सीमांत किसानों को पेंशन, फसल बीमा, नहर एवं सरकारी ट्यूबवेल से मुफ्त सिंचाई आदि के निर्णय लेकर यह साबित कर दिया है कि वे किसानों के हितों के प्रति जागरूक है। श्री मुलायम सिंह यादव बराबर इस बात पर जोर देते रहे है कि किसान की खुशहाली से ही प्रदेश में खुशहाली आएगी। अखिलेश यादव ने उनकी बात को अमली जामा पहना दिया है। इससे सिर्फ उन्हें ही परेशानी होगी जो किसान विरोधी हंै।
बसपा की पूर्व मुख्यमंत्री के सामान्य ज्ञान के अभाव का भी कल तब पता चला जब उन्होने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति राज की मांग कर डाली। जनादेश का यह अपमान उन्हें भारी पड़ेगा। जब से वे सत्ता से हटाई गई हैं और उनके लूट के संगी मंत्रियों पर कानून की चाबुक पड़ने लगी है उन्हें हर तरफ अराजकता ही दिखाई दे रही है। दरअसल वे तमाम घोटालों की जांचो के परिणामों से भयभीत हैं और उन्हें उनकी अपनी छाया भी आतंकित करने लगी है। उत्तर प्रदेश में जनता द्वारा निर्वाचित सरकार को असंवैधानिक तरीके से हटाकर राष्ट्रपतिराज कायम करने की मांग सिर्फ वही कर सकती हंैं जो संविधान को ताक पर रखकर पूरे पांच साल तक अधिनायकशाही चलाकर प्रदेष को दोनों हाथों लूटती रहीं, समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमें लगाकर उत्पीड़न करती रहीं और प्रशासनतंत्र को बंधक बनाकर अपने गुर्गो को सरकारी संस्थानों में बिठाती रहीं।
सच तो यह है कि अखिलेश यादव की रहनुमाई में उत्तर प्रदेश विकास के नए एजेन्डा पर चल रहा हैं। जनता को भ्रष्टाचार और सरकारी आतंक से छुटकारा मिला है। कानून व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में है। अपराधियों के प्रति सरकार का रवैया सख्त है और अब बसपाराज की तरह महिलाओं को अपमान का जीवन नहीं जीना पड़ रहा है। नौजवान अवसाद से मुफ्त है उन्हें बेकारी भत्ता मिल रहा है और लड़कियों को आगे पढ़ने-बढ़ने के लिए कन्या विद्याधन बंट रहा है। परिवर्तन की इस बयार में विपक्षी आरोप तिनके की तरह उड़ जाएगें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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