उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार द्वारा मात्र कुछ किसानों का ही ऋण माफ करने की घोषणा आज की गयी है। यह प्रदेश के करोड़ों छोटे व गरीब किसानों के साथ वादा खिलाफी व धोखधड़ी है।
चुनाव के समय किसानों, छात्रों, युवकों व आम जनता से बड़े-बड़े वायदे किये गये थे। लेकिन सरकार बनने पर उन वायदों को पूरी ईमानदारी से लागू करने का जब मौका आया है तो सपा सरकार अनेकों प्रकार की शर्तें लगाकर मात्र कुछ लोगों को ही फायदा पहुँचाने की घोषणायें कर रही है। पहले प्रदेश के छात्रों व युवकों के साथ इसी प्रकार की धोखाधड़ी की गयी है और अब प्रदेश के ग़रीब व छोटे किसानों के साथ भी ऐसा ही कू्रर मज़ाक किया गया हैं।
उल्लेखनीय है कि सपा ने सभी किसानों के 50 हज़ार तक के कर्ज़ माफ करने का वायदा किया था। परन्तु अब अनेकों प्रकार की शर्तों के साथ केवल भूमि विकास बैंक से ज़मीन के एवज़ में कर्ज़ लेने वाले किसानों का ही कजऱ् माफ करने की घोषणा की गयी है, जिससे प्रदेश के मुख्यमंत्री के अनुसार ही मात्र सात लाख किसान ही लाभान्वित होंगे, जबकि यह हकीकत है कि उत्तर प्रदेश एक कृषि प्रधान प्रदेश है और प्रदेश के करोड़ों किसान भूमि विकास बैंक के बजाये, देश के राष्ट्रीयकृत बैंकों आदि से कजऱ् लेते हैं, जिस कारण ग़रीब किसानों की बड़ी संख्या पहले ही की तरह कर्ज के बोझ से दबी रहेगी और सपा सरकार की इस घोषणा का उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा। सपा सरकार को प्रदेश के करोड़ों छोटे व ग़रीब किसानों की भवना व उनकी ग़रीबी से खिलवाड़ करने का कोई अधिकार नहीं है। बी.एस.पी. की मांग है कि अपने आपको किसान हितैषी होने का ढिढोरा पीटने वाली सपा को या तो वायदे नहीे करने चाहिये और अगर वायदा किया है तो उसे पूरी ईमानदारी व सत्यनिष्ठा से निभाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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