आगामी कुम्भ के अवसर पर बी.पी.एल. दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा केन्द्र से किये गये आग्रह को स्वीकार न करने की प्रदेश के खाद्य एवं रसद मंत्री श्री रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भइया’ ने कड़ी निन्दा की है।
खाद्य मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने गत 6 सितम्बर को पत्र लिखकर केन्द्र सरकार से तथा 21 नवम्बर को प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर 16,200 मी0टन गेहूं, 9600 मी0टन चावल एवं 6,000 मी0टन चीनी, बी.पी.एल. दर पर, 13,200 किलो लीटर मिट्टी का तेल पी.डी.एस. दर पर तथा 18000 एल.पी.जी. अस्थायी कनेक्शन एवं 60,000 रिफिल सब्सिडाइज्ड रेट पर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। लेकिन केन्द्र सरकार ने खुले बाजार दर पर 16200 मी0टन गेहूं (14.50 रुपये प्रति किलोग्राम) तथा 9600 मी0टन चावल (16 रुपये प्रति किलोग्राम) तथा 6000 मी0टन चीनी पी.डी.एस. दर पर (13.50 रुपये प्रति किलोग्राम) आवंटित किया है। इसके अलावा 11,000 किलो लीटर मिट्टी का तेल नान पी.डी.एस. दर पर (55.56 रुपये प्रति लीटर) तथा 18000 एल.पी.जी. अस्थायी कनेक्शन एवं 60,000 रिफिल गैर घरेलू दर पर (1244 रुपये प्रति सिलिन्डर) आवंटित किया है।
खाद्य एवं रसद मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बी.पी.एल. दर पर खाद्यान्न का आवंटन न कर खुले बाजार दर पर खाद्यान्न का आवंटन किया जाना, यह दर्शाता है कि कुम्भ मेला क्षेत्र में निवास करने वाले कल्पवासियों एवं साधु-संतों के प्रति केन्द्र सरकार कितनी संवेदनहीन है।
खाद्य मंत्री ने बताया कि वर्ष 2000-01 मंे लगे कुम्भ मेले के लिए भारत सरकार ने गेहूं तथा चावल बी.पी.एल. दर पर एवं चीनी पी.डी.एस. दर पर ही उपलब्ध कराया था। उन्होंने कहा है कि मेला क्षेत्र में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं, तीर्थयात्रियों, साधु-संतों एवं स्वयंसेवी सस्थाओं आदि को बाजार दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने एवं लगभग 56 रुपये प्रति लीटर मिट्टी का तेल तथा 1244 रुपये प्रति एल.पी.जी. सिलेन्डर उपलब्ध कराने से इनमें भारी असन्तोष व्याप्त हो सकता है। उन्होंने कहा है कि केन्द्र सरकार को महाकुम्भ मेले की तुलना अन्य मेलों से नहीं की जानी चाहिए, क्यांेकि इसकी एक अपनी अलग आध्यात्मिक महत्ता एवं अन्तर्राष्ट्रीय पहचान है।
मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री जी को लिखे गये पत्र में कहा गया है कि इलाहाबाद में 12 वर्ष के अन्तराल पर आयोजित होने वाला महाकुम्भ मेला उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पूरे भारत वर्ष के लिए पर्यटन एवं धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस आयोजन के लिए भारत सरकार द्वारा सस्ती दरों पर खाद्यान्न, मिट्टी का तेल व घरेलू गैस उपलब्ध न कराये जाने का निर्णय अन्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। केन्द्र सरकार के इस निर्णय से मेला क्षेत्र में भारी जन असन्तोष व कानून व्यवस्था की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी से कुम्भ मेले में कल्पवासियों, साधु-संतों एवं अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के लिए वर्ष 2000-01 के कुम्भ मेले की भांति ही वर्ष 2012-13 के कुम्भ मेले के लिए बी.पी.एल. एवं रियायती दर दर पर खाद्यान्न, मिट्टी का तेल व एल.पी.जी. आवंटन हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये जाने का अनुरोध किया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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