नौजवानों की गिरफ्तारियों के खिलाफ एसआईओ के द्वारा विचार गोष्ठी का आयोजन
स्टुडेन्ट्स इस्लामिक आर्गेनाइज़ेशन आॅफ इण्डिया (एस0आई0ओ0) राष्ट्रीय स्तर पर बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों की गिरफ्तारियों के खिलाफ एक मुहिम मना रही है। इस संबन्ध में एस0आई0ओ0 यूपी सेन्ट्रल ने आज यूपी प्रेस क्लब में एक विचार गोष्टी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एसआईओ यूपी सेन्ट्रल के अध्यक्ष मसीहुज़्ज़मा ने प्रोग्राम के विषय में बताते हुये कहा कि आतंकवाद को रोकने के नाम पर बेगुनाह और मासूम मुस्लिम नौजवानों की गिरफ्तारियों का सिलसिला इस देश में लम्बे अरसे से चल रहा है। उन्होंने कहा कि एक तरफ पुलिस और कई सरकारी विभाग बेकसूर मुस्लिम नौजवानों को झूठे इल्ज़ाम के तहत गिरफ्तार करते हैं और दूसरी तरफ मीडिया के लोग किसी अदालती फैसले के बगैर उन नौजवानों को नामी गिरामी आतंकवादी के तौर पर पेश करने लगते हैं। नतीजा यह है कि उन नौजवानों की जिन्दगियां और उनके खानदान के लोग मुश्किल में पड़ जाते हैं। शाहनवाज़ (पीयूसीएल) ने कहा कि आतंकवाद के नाम पर पकड़े गये नौजवानों को अदालतों में कुसूरवार साबित करने में पुलिस और सरकारी विभाग अब तक नाकाम रहे हैं। उन्होंने कहा कि दो से बीस साल तक की अदालती कार्यवाहियों के बाद भी कई बेकसूर नौजवान कभी आतंकवादी साबित नहीं हो सके। अतः एक बड़ी तादाद हमेशा बाइज्ज़त बरी कर दी जाती है। मसीहुद्दीन (मनावाधिकार कार्यकर्ता) ने विचार गोष्ठी में अपनी बातों को रखते हुये कहा कि सरकार विशेषकर मुस्लिम नौजवानों को निशाना बना रही है ताकि मुसलमानों के अन्दर डर और खौफ का महौल पैदा हो सके। इस अवसर पर मो0 सुलैमान (अध्यक्ष इण्डियन नैशनल लीग) ने केन्द्र सरकार और विशेषकर यूपी सरकार पर निशाना साधते हुये कहा कि मुसलमानों का जबर्दस्त समर्थन हासिल करने के बावजूद सपा सरकार ने बेगुनाह तारिक कासमी और खालिद मुजाहिद जैसे बेगुनाह नौजवानों के लिये कोई ठोस कदम नहीं उठाया। एसआईओ यूपी पूर्व के अध्यक्ष असदुल्लाह आजमी ने अपने विचार रखते हुये कहा कि नौजवानों की गिरफ्तारियों से केवल उनका नुक्सान नहीं होता बल्कि पूरे देश की तरक्की पर असर पड़ता है। उन्होने कहा कि यह गिरफ्तारियांे का सिलसिला जल्द से जल्द बन्द होनी चाहिये और पकड़े गये बेकसूर नौजवानों को रिहा किया जाये।
सन्दीप पाण्डे ने इस अवसर पर कहा कि दहशतगर्दी के नाम पर बटला हाउस से लेकर अब तक जो भी गिरफ्तारियां हुई हैं वह सब बेबुनियाद और फजऱ्ी हैं, सरकार को उन सब नौजवानों के खिलाफ मुकदमा वापस लेना चाहिये। रिहाई मंच के राजीव यादव ने ‘‘हू किल्ड करकरे’’ किताब का हवाला देते हुये कहा कि इस किताब में जिन हकीकतों को सामने रखा गया है उन पर आम बहस होनी चाहिये जिससे फैज़ाबाद जैसे दंगों की तह तक जाने में मदद मिलेगी। रिहाई मंच के अध्यक्ष एडवोकेट शोएब ने कहा कि सरकार ने अब तक जितने भी नौजवानों को दहशतगर्दी के इल्जाम में गिरफ्तार किया है वह बिल्कुल बेबुनियाद है, अब तक किसी भी मामले में उन पर लगे इल्ज़ामात साबित नहीं हो पाये हैं।
आखिर में जमाअते इस्लामी हिन्द, शहर लखनऊ, के अध्यक्ष इंजीनियर शाहिद अली ने कहा कि केन्द्र सरकार और यूपी सरकार केा चाहिये कि आर0डी0 निमेश कमीशन की रिपोर्ट को अवाम के सामने रखे और बेक़सूर नौजवानों को जल्द रिहा किया जाये।
स्टुडेन्ट्स इस्लामिक आर्गेनाइज़ेशन आॅफ इण्डिया (एस0आई0ओ0) देश भर में विरोध कर रही है। उत्तर प्रदेश में एस0आई0ओ0 यूपी सेन्ट्रल के साथ जमाअते इस्लामी हिन्द, वेल्फेयर पार्टी आॅफ इण्डिया और रिहाई मंच के अलावा दूसरे सामाजिक संगठनों के लोग भी शामिल हैं। इस प्रोग्राम का संचालन कफील अहमद आजमी ने किया। प्रोग्राम में तइयब अहमद, आफताब आलम, मो0 अहसन, आसिफ अकरम, राजीव यादव, शाहिद अली के अलावा बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
इस कड़ी के तहत 22 नवम्बर 2012 को इसी विषय पर एक एहतेजाजी मार्च मोलवीगंज से विधानभवन धरना स्थल तक सुबह 11 बजे निकाला जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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