उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति की छात्रवृति के लिए अर्ह छात्रों को अनुरक्षण भत्ते का एकमुश्त भुगतान किया जायेगा। जिन पाठ्यक्रमों में वार्षिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने के आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश मिलने की व्यवस्था है, वहां शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि एक मुश्त भुगतान की जायेगी। शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत छात्रों को अनुरक्षण भत्ता एवं शुल्क प्रतिपूर्ति उनके द्वारा बैंक में खोले गये बचत खाते में सीधे अन्तरित की जायेगी। छात्रवृति के लिए अर्ह छात्र छात्रवृति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए ओवदन पत्र 30 नवम्बर, 2012 तक प्रस्तुत कर दें।
प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री श्री अवधेश प्रसाद ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति दशमोत्तर छात्रवृति योजना नियमावली-2012 में दिये गये प्राविधानों के अनुसार जिन पाठ्यक्रमों में वार्षिक परीक्षा से भिन्न अंतराल पर होने वाली परीक्षा में उत्तीर्ण होने के आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश मिलने की व्यवस्था हो, तो प्रत्येक कक्षा में प्रवेश हेतु शुल्क प्रतिपूर्ति प्रवेश पाने की पुष्टि के बाद ही की जायेगी। उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग में सेमेस्टर सिस्टम लागू होने की दशा में प्रत्येक सेमेस्टर की शुल्क प्रतिपूर्ति उस सेमेस्टर में प्रवेश पा लेने के बाद ही की जायेगी।
श्री अवधेश प्रसाद ने बताया कि वित्तीय संसाधनों को ध्यान में रखते हुए वरीयता क्रम में शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत छात्रों को अनुरक्षण भत्ता व शुल्क प्रतिपूर्ति सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जायेगी। उन्होंने बताया कि वरीयता क्रम के अनुसार सर्वप्रथम केन्द्र अथवा किसी राज्य सरकार के विभागों एवं निकायों द्वारा संचालित राजकीय शिक्षण संस्थानों व राजकीय स्वायत्तशासी शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्र व छात्राएं, इसके बाद केन्द्र अथवा किसी राज्य सरकार से शासकीय सहायता प्राप्त निजी क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्र व छात्राऐं। निजी क्षेत्र के ऐसे संस्थान जिनकी शुल्क संरचना केन्द्र अथवा राज्य सरकार के सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित है, में फ्री सीट के सापेक्ष अध्ययनरत छात्र व छात्राऐं। इसी प्रकार निजी क्षेत्र के ऐसे संस्थान जिनकी शुल्क संरचना केन्द्र अथवा राज्य सरकार के सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित हैं, में पेड सीट के सापेक्ष अध्ययनरत छात्र। उन्होंने बताया कि उपरोक्त संस्थाओं के छात्रों को संतृप्त करने के पश्चात ही अवशेष धनराशि रहने पर उपलब्ध बजट के आधार पर निजी क्षेत्र के ऐसे संस्थान जिनकी शुल्क संरचना केन्द्र अथवा राज्य सरकार के सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित नहीं है, किन्तु संस्थान अपने यहां संचालित पाठयक्रम द्वारा अनुमोदित है, किन्तु संस्थान अपने यहां संचालित पाठयक्रम की शुल्क संरचना स्वयं निर्धारित किये जाने के लिए अधिकृत है, को प्रथम आवत प्रथम पावत की व्यवस्थानुसार की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com