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प्रत्येक जनपद के लिए भारत सरकार द्वारा एक करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की गयी

Posted on 21 November 2012 by admin

उत्तर प्रदेश में ग्राम्य विकास स्वरोजगार प्रशिक्षण (आरसेटी) के तहत प्रदेश के गांवों में निवास करने वाले शिक्षित बेरोजगार नवयुवकों/नवयुवतियों को विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें लीडिंग बैंकों से ऋण दिलाकर उन्हें स्वरोजगार प्रदान कराया जायेगा। रूरल इन सेल्फ इम्प्लायमेण्ट ट्रेनिंग प्रोग्राम के द्वारा ऋण दिलाने के बाद स्वरोजगारियों का फाॅलोअप भी किया जाता है।
यह जानकारी प्रदेश ग्राम्य विकास प्रमुख सचिव श्री राजीव कुमार ने आज यहां दी। उन्होंने आज यू0पी0आर0आर0डी0ए0 के सभागार में आयोजित उत्तर प्रदेश के जनपदों में (आरसेटी) रूरल इन सेल्फ इम्प्लायमेण्ट प्रशिक्षण संस्थान के तीन दिवसीय कार्यशाला के समापन अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले 64 परियोजना निदेशक व बैंकर्स को पुरस्कार के रूप में प्रमाण-पत्र दिये। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रथम फेज में 38 जनपदों के परियोजना निदेशकों को लखनऊ में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। योजना की फीडिंग ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा की जा जाती है। प्रत्येक जनपद के लिए भारत सरकार द्वारा एक करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की गयी है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रदेश के 20 जनपदों के लिए भारत सरकार द्वारा प्रतिजनपद एक करोड़ रुपये के हिसाब से 20 करोड़ रुपये की धनराशि लीडिंग बैंकों को अवमुक्त की जा चुकी है। 47 जनपदों का प्रस्ताव एन0आई0आर0डी0 हैदराबाद को भेजा जा चुका है। 05 जनपदों में अभी स्थल चयन होना शेष है।
कार्यशाला का शुभारम्भ 19 नवम्बर को महानिदेशक, दीनदयाल उपाध्याय, राज्य ग्राम्य विकास संस्थान बक्शी का तालाब लखनऊ द्वारा किया गया। कार्यशाला में श्रीमती रेणु का कुमार उप सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार, श्री विशाल चैहान, उ0प्र0 सहित लीडिंग बैंकों के अधिकारियों द्वारा अपने-अपने विचार एवं सुझाव दिये गये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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