लखनऊ - भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमन्त्री के जन्मदिवस पर की गई अधिकांश घोषणाओं को असंवैधानिक और विधानसभा का अपमान बताया है। प्रदेश उपायक्ष प्रवक्ता हृदयनारायण दीक्षित ने आज शनिवार को संबाद दाताओ से कहा कि 7 हजार करोड़ की योजनाओं में से अधिकांश के लिए आगामी बजट में प्राविधान किया जाना है।
`महामाया योजना - गरीब आर्थिक´ के पत्रक में साफ कहा गया है कि इसका प्राविधान 2010 के बजट में होगा बजट सत्र आहूत हो गया है। तिथि तय हो गई है। ऐसे में बजट प्राविधानों को सार्वजनिक करना सदन का अपमान है। कोई भी सरकार अगले बजट में शामिल की जाने वाली मांगों - सिड्यूल आफ न्यू डिमाण्ड को सार्वजनिक नहीं करती लेकिन जन्मदिवस की घोषणा की जल्दी में सरकार ने स्थापित संवैधानिक परम्पराओं को धता बताया है।
श्री दीक्षित ने कहा कि नई योजनाओं की घोषणाओं में से अधिकांश का धन केन्द्र व अन्य एजेंसिया देती हैं। महामाया योजना के धन का भी अधिकांश हिस्सा केन्द्र की स्पेशल कम्पोनेन्ट योजना से लिया जाना है। इसमें बसपा सरकार का क्या कमाल है , यह सरकार कमजोर वर्गो के लिए मिलने वाली स्पेशल कम्पोनेट प्लान की अधिकांश धनराशि खर्च ही नहीं कर पाती। बसपा सरकार ने मुख्यमन्त्री के जन्मदिवस को बड़ा बताने के लिहाज से कागजी कसरत की है। मुख्यमन्त्री के जन्मदिवस पर नई घोषणाओं की परम्परा यू0पी0 में नई है। कैदियों की दया-रिहाई आदि घोषणांए गांधी जयन्ती पर होती थी। बसपा 3 माह बाद डॉ0 अम्बेडकर जयन्ती 14 अप्रैल के दिन ऐसी ही घोषणां करती तो अच्छा होता। मध्यकाल के राजा और बादशाह अपने या अपने परिजनों के जन्मदिन या अन्य अवसरों पर ऐसी ही घोषणाएं करते थे। इस जन्मदिवस ने मध्यकाल की यादें ताजा की हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Vikas Sharma
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