उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने प्रदेश मंे भण्डारण की कमी को दूर करने हेतु राज्य खाद्यान्न भण्डारण नीति का प्रारूप एक सप्ताह के अन्दर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दो माह के पी0डी0एस0 आवंटन के बफर भण्डारण हेतु अतिरिक्त क्षमता के त्वरित सृजन हेतु राज्य बफर भण्डारण योजना प्रस्तावित की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ऐसी संस्थाओं, जिनके पास पर्याप्त भूमि है, में भण्डारण हेतु नियमानुसार शर्ताें पर भण्डारण गोदामों को बनाने हेतु प्रोत्साहित किया जाए। उन्हांेने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में भण्डारण की कतई कोई समस्या न आने पाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि पर्याप्त भण्डारण गोदामों को बनाने हेतु निजी संस्थाओं को भी नियमानुसार शर्ताें पर प्रोत्साहित करने हेतु आवश्यक योजना बनाई जाए।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में उत्तर प्रदेश राज्य खाद्यान्न भण्डारण नीति बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य पी0डी0एस0 बफर भण्डारण योजना के अन्तर्गत ब्लाक स्तर एवं न्याय पंचायत स्तर पर गोदाम स्थलों को चिन्हित कर भण्डारण की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि बफर गोदाम भण्डारण हेतु खाद्य विभाग के अतिरिक्त अन्य विभागों के स्टाफ की आवश्यकतानुसार व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए।
श्री उस्मानी ने कहा कि राज्य खाद्यान्न भण्डारण गारण्टी योजना भारत सरकार के एफ0सी0आई0 के पी0इ0जी के तर्ज पर बनायी जाय । उन्होने कहा कि भारत सरकार के कृषि एवं सहकारिता मंत्रालय के अन्तर्गत चलाए जा रहे ग्रामीण भण्डारण योजना एवं आर0आई0डी0एफ0 के अन्तर्गत निजी सहभागियों के माध्यम से गोदामों के निर्माण को प्रोत्साहित किया जाए। राज्य मण्डी परिषद द्वारा निर्मित अतिरिक्त भण्डारण क्षमता का लाभ भी किसानों को उपलब्ध कराया जाए।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद, श्री दीपक त्रिवेदी, प्रमुख सचिव सहकारिता श्री देवाशीष पाण्डा, खाद्य आयुक्त
श्रीमती अर्चना अग्रवाल, विशेष सचिव,वित्त, श्री वी0के0 सिंह, प्रबन्ध निदेशक, राज्य भण्डारण निगम, श्री ओंकार सिंह यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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