- ठोस एवं द्रव अपशिष्ट प्रबन्धन क्षमता निर्माण विषयक त्रि-दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन
- ठोस एवं द्रव अपषिष्ट प्रबंधन को गाॅवों में प्राथमिकता पर लागू किया जाय-माजि़द अली
राज्य के प्रमुख सचिव पंचायती राज श्री माजि़द अली ने कहा कि ठोस एवं द्रव अपषिष्ट प्रबंधन राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जिसको निर्मल भारत अभियान के तहत प्राथमिकता दी गयी है। उन्होंने कहा कि गांवों में बेकार की वस्तुओं के निस्तारण की सबसे बड़ी समस्या है इसलिए अपषिष्ट प्रबंधन को प्राथकिता के तौर पर गांव में लागू करने से वहां की गन्दगी दूर होगी। उन्होंने कहा कि इस केन्द्र के प्रषिक्षित बच्चों द्वारा दूसरी जगहों पर इस कार्यक्रम को बढ़ावा दिया जाय, जिससे महात्मा गांधी जी (बापू जी) के सपनों को साकार किया जा सके।
प्रमुख सचिव पंचायती राज ने आज यहाॅं सरोजिनी नगर विकास खण्ड के मुल्लाही खेड़ा में स्थापित ठोस एवं द्रव अपशिष्ट प्रबन्धन प्रशिक्षण केन्द्र का लोकार्पण किया, जिसकी स्थापना यूनीसेफ तथा बायो एनर्जी मिशन सेल के संयुक्त तत्वावधान मंे की गयी है। इस दौरान उन्होंने कहा कि ठोस एवं द्रव अपषिष्ट प्रबंधन से ग्रामीणों के स्वास्थ्य में सुधार होगा तथा वे देष और समाज के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक शौचालय बनवाकर लोगों को उसका इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जाय। जिसकी जागरूकता के लिए ग्राम पंचायतों तथा पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि अपषिष्ट प्रबंधन में श्रेष्ठ ग्राम पंचायतों को राज्य सरकार तथा भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत भी किया जायेगा।
इस अवसर पर वहाॅं उपस्थित विषेष सचिव नियोजन विजय कुमार मिश्र ने कहा कि गांवों के सम्पूर्ण कचरे से बायोगैस बनाने को बढ़ावा दिया जाय, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी किसी भी समस्या से ग्रस्त न रहे और स्वच्छ वातावरण में जिन्दगी गुजार सके। निदेषक पंचायती राज वी0 पी0 सिंह ने कहा कि ठोस एवं द्रव अपषिष्ट प्रबंधन को निर्मल गाॅंवों में प्रोत्साहित किया जायेगा जिससे गाॅंवों की खुषहाली को वापस लाया जा सके। केन्द्र के वैज्ञानिक प्रो0 आर0 के0 पाठक ने बताया कि प्रबंधन केन्द्र के उत्पाद की गुणवत्ता उच्च मानक की होगी ताकि भूमि की उर्वरा शक्ति को वापस लाया जा सके एवं केमिकल के प्रयोग को कम किया जा सके। यूनीसेफ के अमित मेहरोत्रा ने कहा कि गाॅंवों की गन्दगी और वैक्टेरिया समाप्त होने से ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार होगा। उन्होंने बताया कि यह प्रबन्धन केन्द्र बिना किसी फण्ड के अपने संसाधन से चल रहा है जिसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रषिक्षित कर अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करना है।
बायो एनर्जी मिशन सेल के राज्य समन्वयक पी0एस0 ओझा ने बताया कि ठोस एवं द्रव अपशिष्ट प्रबन्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य सरकार का एक अभिनव प्रयास है, जिसमें एक ही स्थान पर डेरी, बायो-गैस उत्पादन इकाई, वर्मी-कम्पोस्टिंग इकाई, वर्मी-वाश उत्पादन इकाई, बायो गैस को सिलेण्डर में भरने की तकनीकी, बायो गैस के व्यावसायिक प्रयोग की तकनीकी का प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण दिये जाने की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही ठोस एवं द्रव अपशिष्ट प्रबन्धन क्षमता निर्माण (Capacity Building in Solid Liquid Waste Management) विषय पर एक त्रि-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी आज शुभारम्भ किया जा रहा है, जिसमें मैनपुरी जनपद के 25 प्रशिक्षार्थियों को प्रथम बैच में शामिल किया गया है। कार्यक्रम में जिला पंचायत अधिकारी दिनेष सिंह विभागीय अधिकारी तथा गाॅंव के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com