प्रदेश सरकार ने नई उद्योग नीति लागू कर दी है। इससे नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना में एक क्रांतिकारी परिवर्तन आयेगा और अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश की सम्भावनाएं भी बढ़ेंगी। उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु अच्छा वातावरण तैयार किया जाना चाहिए ताकि विदेशी उद्यमी यहां पर अधिक से अधिक पूंजी निवेश कर नये उद्योग स्थापित कर सकें।
यह बात कल देर शाम बापू भवन स्थित सभागार में विभागीय समीक्षा बैठक करते हुए लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भगवत सरन गंगवार ने कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश और औद्योगीकरण का खुशगवार वातावरण बनाकर अवस्थापना और औद्योगिक विकास के साथ-साथ व्यवसाय और उद्यम विकास को भी लक्ष्य मानकर तेजी से कार्य करना होगा। निवेश के साथ ही परियोजना के सृजन में भी निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मानव संसाधन और उपभोक्ताओं की कोई कमी नहीं है।
श्री गंगवार ने लघु उद्योग क्लस्टर विकास योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रत्येक माह जनपदों से दो क्लस्टर के प्रस्ताव संयुक्त निदेशक लघु उद्योग के माध्यम से निदेशालय को प्रेषित किये जायंेे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 300 हस्त-कलाओं के साथ पारम्परिक उद्योग, प्राकृतिक क्लस्टर/समूह के रूप में विद्यमान हंै जिसमें से वाराणसी एवं मऊ की साड़ी, फिरोजाबाद का काॅंच, मुरादाबाद के पीतल और मेटल, अलीगढ़ की मूर्तियाॅं, ताले और कब्जे, बरेली की जरी और बाॅस बेंत, सहारनपुर की काष्ठकला, खुर्जा और निजामाबाद की पाॅटरी आदि विश्वस्तरी पहचान रखते हैं।
श्री गंगवार ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि माह दिसम्बर में प्रत्येक जनपद से दो-दो क्लस्टर प्रोजेक्ट निश्चित रूप से भेजे जायंे। ऐसा न होने पर उन्होंने संबंधित अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि दिये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी कहा कि जो अधिकारी बैठक में बिना किसी सूचना के अनुपस्थित हैं उनका स्पष्टीकरण प्राप्त कर प्रस्तुत किया जाये। उन्होंने कहा कि जिला उद्योग बन्धु एवं मण्डल उद्योग बन्धु की बैठकें निर्धारित समय पर निश्चित रूप से आहूत की जायें जिससे उद्यमियों की शिकायतों एवं कठिनाइयों का तत्काल निस्तारण किया जा सके। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता क्षम्य न होगी। उन्होंने कहा कि जिन जनपदों से औद्योगिक भूखण्डों के आवंटन/रिक्त की रिपोर्ट अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। उनके अधिकारी भूखण्डों के आवंटन/रिक्त की स्थिति का पुनः परिक्षण कर 15 दिन के अन्दर भेंजे।
श्री गंगवार ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में 35000 लघु उद्यमों की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसके सापेक्ष अब तक 24590 इकाईयां स्थापित कर 155312 व्यक्तियों को रोजगार के अवसर प्रदान किये गये हैं। इस वित्तीय वर्ष में 2 लाख लोगों को रोजगार दिये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com