प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा में मिड डे मील तथा अध्यापक/छात्र उपस्थिति की गुणवत्ता सुधारने के लिए सौर ऊर्जा द्वारा चालित ‘बायोमैट्रिक्स उपस्थिति प्रणाली’ का शुभारम्भ कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने आज यहां उच्च प्राथमिक विद्यालय, माती, (सरोजनी नगर) में बायोमैट्रिक मशीन का बंटन दबा कर किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस प्रणाली का सफल प्रयोग मिड-डे-मील वितरण तथा उससे बच्चों का स्वास्थ्य सुधार, शिक्षकों तथा बच्चों की उपस्थिति एवं अनुपस्थिति का विवरण देने पर होगा। उन्होंने कहा कि इससे छात्रों/अध्यापकों के आने-जाने का समय एवं विद्यार्थियों के मिड-डे-मील ग्रहण करने का समय वेबसाइट पर दर्ज हो जायेगा जिससे इसमें फर्जी छात्रों की संख्या तथा मिड-डे-मील के दुरूपयोग को रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री शासन को जवाबदेह तथा गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी तकनीकी का बेहतर उपयोग करने के लिए कटिबद्ध है।
कार्यक्रम के दौरान कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि बायोमैट्रिक्स प्रणाली की सबसे बड़ी विशेषता इसका सौर ऊर्जा से चलना तथा टैम्पर प्रूफ होना है उन्होंने यह भी कहा कि यदि इस प्रणाली के सोलर पैनल को कोई व्यक्ति काटता है, या इस प्रणाली को उखाड़ने या टैम्पर करने की कोशिश करता है तो मशीन स्वयं ही इससे संबंधित चेतावनी मैसेज कन्ट्रोल रूम तक भेज देती है। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली परम्परागत बायोमैट्रिक्स मशीनों (आई.बी.आर.एस.) से बिल्कुल अलग है। इस प्रणाली में स्कूल, कार्यालय स्तर पर कम्प्यूटर तथा इन्टरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है लेकिन विद्युत की कोई जरूरत नहीं होती है। उन्होंने कहा कि बायोमैट्रिक्स प्रणाली से दर्ज की हुई उपस्थिति एवं अनुपस्थिति में किसी भी प्रकार की छेड़खानी नहीं की जा सकती है, और संबंधित अधिकारीगण अपनी कर्मचारियों की मानीटिंरिग केन्द्रीकृत रूप से वेबसाइट पर 24 घन्टे देख सकते हैं अतः उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में शासन के इस ऐतिहासिक कदम को प्राथमिकता के आधार पर लागू करें।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि सौर ऊर्जीकृत बायोमैट्रिक्स उपस्थिति प्रणाली प्रा0स्कूलों, आगनवाड़ी केन्द्रों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्थापित होने से इनकी बदहाल तस्वीर शीघ्र बदल जायेगी। उन्होंने कहा कि जनसामान्य को संबंधित कर्मचारी की सेवायें एवं विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा न मिलने की शिकायतों को प्रदेश के मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया है और उन्होंने संबंधित कर्मचारियों को अपनी अधिकतम् समयबद्धता तथा निष्ठापूर्वक सेवायें जनसामान्य को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं।
सर्वशिक्षा परियोजना निदेशक, अतुल कुमार ने अवगत कराया कि सौर ऊर्जा चालित बायोमैट्रिक्स प्रणाली भारत सरकार के इलेक्ट्रानिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की प्रयोगशाला मानकीकरण परीक्षण और गुणवत्ता प्रमाणन (एस.टी.क्यू.सी.) द्वारा प्रमाणित अपने तरह की प्रथम एवं नवीनतम् तकनीकि है जो पूर्णतः स्वदेश निर्मित है। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली अवनी परिधि एनर्जी एण्ड कम्यूनिकेशन्स प्रा0लि0 के द्वारा प्रायोगिक तौर पर सर्वशिक्षा अभियान के तहत उच्च प्राथमिक विद्यालय माती, लखनऊ में 27 सितम्बर 2012 को शिक्षकों, रासोइयों तथा विद्यार्थियों की उपस्थिति जांचने हेतु स्थापित करायी गयी थी। उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि इस प्रणाली को लागू करने के लिये शासन प्रभावी कदम उठा रहा है।
इस दौरान कृषि उत्पादन आयुक्त ने विद्यालय परिसर में दीप प्रज्ज्वलित कर कदम्ब के वृक्ष का पौधरोपण भी किया तथा स्कूल के बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम का अवलोकन भी किया। साथ-साथ राज्य परियोजना निदेशक, अतुल कुमार ने भी कदम्ब के वृक्ष का पौधरोपण किया।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा, स्वास्थ्य, पंचायती राज, कृषि तथा समाज कल्याण, अपर निदेशक माध्यान्ह भोजन प्राधिकरण, अपर निदेशक सर्व शिक्षा अभियान, निदेशक बेसिक शिक्षा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, कम्पनी के निदेशक तथा स्कूल के शिक्षक एवं बच्चे तथा क्षेत्र के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com