समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि ताजकारिडोर मामले को लेकर सुश्री मायावती की जीत या राहत बतानेवाले मुगालते में जी रहे हैं। हाईकोर्ट की खण्डपीठ के निर्णय पर बसपाईयों द्वारा जश्न मनाये जाने का कोई औचित्य भी नहीं बनता है। पूर्व बसपाराज में चारों तरफ लूट मची हुई थी। सरकारी खजाने पर डाका डाला गया। मूर्तियों स्मारकों पर धन बर्बाद किया गया जबकि स्कूल-कालेज और अस्पतालों की दशा दुर्दशा में तब्दील होती रही। प्रदेश में विकास ठप्प रहा और जनता बिजली, पानी, सड़क के लिए तरसती रही।
बसपाराज में किसान कर्ज और तंगहाली में आत्महत्या को मजबूर हो गया। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन जैसी केन्द्रीय योजना की धनराशि के बंदरबाट में दो सीएमओ, एक डिप्टी सीएमओ की हत्या तक हो गई। मामला सीबीआई जांच में है। हर जगह घोटाले में घिरी बसपा सरकार और इसकी पूर्व मुख्यमंत्री अपने को ताज कारिडोर मामले में दूध की धुली बता रही है, यह तो दुनिया का एक बड़ा आश्चर्य है।
पूर्व बसपा मुख्यमंत्री और उनके पार्टी के वकील इसे क्यों भूल जाते हैं कि जनता की अदालत में, जो सबसे बड़ी न्यायकर्ता अदालत है। अगर जनता ने उन्हें माफ कर दिया होता तो वे बुरी तरह परास्त क्यों होते? जनता ने उन्हें इसीलिए सत्ता से किया क्योंकि उसकी निगाह में बसपाई गुनहगार थे। जनता ने उन्हें गुनाहों की सजा दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री और उनके सहयेागी हमेशा जनता की निगाह में अपराधी ही बने रहेगें। बसपा मुख्यमंत्री को यह नहीं भूलना चाहिए कि उन्होने जो कुछ अपने कार्यकाल में किया है, उसका हिसाब तो उन्हें जनता को देना ही पड़ेगा। अदालत की आड़ में वे जैसा जश्न मना रहे हैं यह जनादेश का घोर अपमान है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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