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मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

Posted on 07 November 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहाँ सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-

चीनी निगम की 21 चीनी मिलों की बिक्री की जांच लोकायुक्त करेंगे
उत्तर प्रदेश चीनी निगम लिमिटेड की चालू चीनी मिलों-अमरोहा, बिजनौर, बुलन्दशहर, चांदपुर, जरवलरोड, खड्डा, रोहानाकलाँ, सखौती टाण्डा, सहारनपुर तथा सिसवाबाजार मिलों के अलावा बन्द पड़ी-बैतालपुर, भटनी, देवरिया, शाहगंज, बरेली, लक्ष्मीगंज, रामकोला, छितौनी, हरदोई, बाराबंकी तथा घुघली चीनी मिलों की बिक्री में हुई कथित अनियमितता तथा भ्रष्टाचार की जांच प्रदेश के लोकायुक्त करेंगे।
इन चीनी मिलों की बिक्री में हुई धांधली में सीएजी की रिपोर्ट के मुताबित राज्य सरकार को 1179.84 करोड़ रुपये की हानि का आकलन किया गया है। दिनांक 4 जून, 2007 को जारी शासनादेश में इन चीनी मिलों के विनिवेश का निर्णय लिया गया था।
ज्ञातव्य है कि महालेखाकार एवं मा0 उच्च न्यायालय में इस विनिवेश के सम्बन्ध में दायर याचिकाओं में मुख्य रूप से उल्लिखित किया गया कि इन चीनी मिलों की बिक्री में भूमि एवं भवन का कम मूल्यांकन किया गया। साथ ही इनकी भूमि एवं भवन पर अतिरिक्त छूट देकर मूल्यांकन कम किया गया। प्लांट एवं मशीनरी का मूल्यांकन स्क्रैप की दर किया गया। मिलों की बिक्री में निर्धारित स्टाम्प ड्यूटी नहीं ली गई। बिडर्स आपस में सम्बन्धित होने के कारण प्रतिस्पर्धा नहीं हो पाई। अपेक्षित मूल्य के 50 प्रतिशत तक प्राप्त निविदा को जीवित रखते हुए स्विस चैलेन्ज मैथड का प्रयोग किया गया। वित्तीय निविदा खुलने से पहले ही खरीदारों को अपेक्षित मूल्य पता चल गया। इतना ही नहीं निविदा खोलने की प्रक्रिया भी बदल दी गई। कोर ग्रुप आॅफ सेक्रेटरीज आॅन डिसइन्वेस्टमेन्ट ने स्वयं भूमि एवं भवन का उचित मूल्यांकन नहीं किया और डिसकाउन्टेड कैश फ्लो मैथड पर अधिक ध्यान दिया।
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चावल निर्यात नीति 2012-2017 लागू करने का निर्णय
धान उत्पादन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश का देश में दूसरा स्थान है। चावल की विदेशों में भी बहुत मांग है। इसके मद्देनजर चावल के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए चावल निर्यात नीति 2012-2017 को मंजूरी दी गई। इसके तहत प्रदेश से बांग्लादेश तथा नेपाल को किए गए निर्यात पर भी सुविधाएं अनुमन्य की गई हैं। इस नीति के तहत प्रदेश से समस्त प्रकार के चावल का निर्यात विश्व के किसी भी देश को किया जा सकता है, चाहे उस देश के साथ व्यापार विदेशी मुद्रा में हो रहा हो अथवा नेपाल-बांग्लादेश देशों में जिनके साथ भारतीय मुद्रा में व्यापार हो रहा है।
इस नीति के तहत निर्यात किए जाने वाला समस्त प्रकार का चावल लेवी मुक्त रहेगा। मण्डी शुल्क तथा विकास सेस भी नहीं पड़ेगा। निर्यात हेतु चावल उत्पादन में प्रयुक्त धान पर भी वैट नहीं लगेगा। निर्यातकों के लिए आवश्यक होगा कि उनकी मिल प्रदेश में ही स्थापित हो। बासमती चावल के निर्यात की रिकवरी का आदर्श न्यूनतम मानक 50 प्रतिशत निर्धारित किया गया। गैर बासमती चावल के निर्यात रिकवरी का आदर्श मानक 66.66 प्रतिशत की सीमा से कम मात्रा में निर्यात करने पर मण्डी शुल्क तथा विकास सेस में छूट नहीं मिलेगी। निर्यातक को अपना निःशुल्क पंजीकरण कराना आवश्यक होगा। उनकी फर्म का भौतिक सत्यापन भी किया जाएगा। प्रदेश के चावल का निर्यात देश की किसी भी बन्दरगाह, वायुमार्ग तथा प्रदेश की सीमाओं पर नोटीफाइड थल मार्ग से किया जा सकेगा।
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दूसरे प्रदेशों से उत्तर प्रदेश में आने वाली गाडि़यों पर टैक्स में राहत
वर्तमान में दूसरे प्रदेशों से अस्थायी एवं टूरिस्ट परमिट लेकर आने वाली सवारी गाडि़यों पर प्रतिदिन प्रति सीट मासिक या त्रैमासिक टैक्स जमा करने की व्यवस्था है। इसे अब प्रतिदिन की दर पर केवल 12 दिनों का तथा त्रैमासिक जमा करने की दशा में केवल 30 दिनों का ही टैक्स जमा करना होगा। इस सरलीकरण से टैक्स जमा करने के लिए बार-बार परिवहन कार्यालय में आने की बाध्यता समाप्त हो जाएगी।
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परिवहन निगम की बसों के यात्री किराए में परिवर्तन
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में पिछले तीन वर्षाें में वेतन, भत्ते, ईंधन तथा स्पेयर्स पार्ट्स में लगभग 39 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके मद्देनजर निगम की साधारण सेवाओं का प्रति यात्री किराया 60 पैसे प्रति किलोमीटर से 70 पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ाने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। इसी प्रकार नगर सेवा की बसों में 1.50 रुपये प्रति यात्री प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 1.60 रुपये प्रति यात्री प्रति किलोमीटर करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। किराये में इस परिवर्तन से परिवहन निगम और बेहतर सुविधाएं देने में सक्षम होगा। यात्री सुविधाएं बढ़ेंगी तथा आरामदेह सफर भी उपलब्ध होगा।
निजी क्षेत्र की बसों का किराया 46 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 55 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। साथ ही 25 किलोमीटर की दूरी में नगरीय निजी क्षेत्र की बस सेवाओं के लिए किराया
10 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये करने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया। इसी के साथ टैक्सियों का किराया प्रथम किलोमीटर के लिए 7.60 रुपये से बढ़ाकर 8.70 रुपये तथा उसके बाद प्रत्येक 500 मीटर के लिए 3.65 रुपये से बढ़ाकर 4.10 रुपये करने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया। इसके अलावा निजी क्षेत्र की कांट्रेक्ट कैरिज बसों का किराया 21.10 रुपये प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 24.25 रुपये प्रति किलोमीटर करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की गई है।
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इटावा-मैनपुरी राज्य मार्ग-83 को चार लेन बनाने का फैसला
राज्य सरकार प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों को फोर लेन मार्गाें से जोड़ने के लिए कटिबद्ध है। इसी के तहत प्रदेश के 19 चयनित राज्य राजमार्गाें के उच्चीकरण/अनुरक्षण का कार्य सार्वजनिक-निजी सहभागिता के आधार पर किया जाना है। इस योजना के तहत इटावा-मैनपुरी राज्य मार्ग संख्या-83 के उच्चीकरण/अनुरक्षण का कार्य सार्वजनिक-निजी सहभागिता के आधार पर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसके अन्तर्गत इटावा-मैनपुरी मार्ग को बढ़ाकर कुरावली तक फोर लेन बनाए जाने से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 एवं राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-91 जुड़ जाएंगे। इसकी कुल लम्बाई 82.25 किलोमीटर है तथा इस पर 36130.18 लाख रुपए का व्यय आएगा।
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उत्तर प्रदेश सचिवालय अधीनस्थ सेवा नियमावली 1999 में संशोधन
उ0प्र0सचिवालय में सहायक समीक्षा अधिकारी के 50 प्रतिशत पदों को आयोग के माध्यम से पदोन्नति द्वारा भरे जाने के लिए ‘डोएक’ के ‘ओ’ प्रमाण-पत्र की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। इसके स्थान पर सचिवालय प्रशासन द्वारा कम्प्यूटर प्रशिक्षण को संतोषजनक रूप से पूर्ण करने की अर्हता निर्धारित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
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लघु सिंचाई योजनाओं को नवीन स्वरुप में संचालित करने के लिए नीति निर्धारित

मंत्रिपरिषद ने लघु सिंचाई विभाग में आगामी वर्षो में क्रियान्वित की जाने वाली योजनाओं को नवीन स्वरुप में संचालित किये जाने हेतु नीति निर्धारित कर दी है।
इसके तहत निःशुल्क बोरिंग योजना में जल के अपव्यय को रोकने हेतु वर्तमान में बोरिंग एवं पम्पसेट के लिए अनुमन्य अनुदान के अतिरिक्त, 25 प्रतिशत बोरिंग पर एच0डी0पी0ई0 पाइप सिंचाई सिस्टम 50 प्रतिशत अनुदान (अधिकतम धनराशि
3 हजार रुपये) पर सभी श्रेणी के लघु एवं सीमान्त कृषकों को उपलब्ध कराया जायेगा।
मध्यम गहरे नलकूप निर्माण की योजना के अन्तर्गत निर्मित नलकूपों के ऊर्जीकरण की समस्या के निदान हेतु नलकूप निर्माण एवं जल वितरण प्रणाली हेतु अनुमन्य अनुदान के अतिरिक्त, प्रत्येक नलकूप पर ऊर्जीकरण के लिए उ0प्र0 पावर कारपोरेशन की प्रचलित दर 68 हजार रुपये अथवा वास्तविक लागत, जो भी कम हो, का पृथक से अनुदान अनुमन्य किया गया है। यह अनुदान अगले वित्तीय वर्ष से अनुमन्य होगा।
गहरे नलकूपों की योजना के अन्तर्गत प्रत्येक नलकूप पर ऊर्जीकरण उ0प्र0 पावर कारपोरेशन की प्रचलित दर 68 हजार रुपये अथवा वास्तविक लागत, जो भी कम हो, अनुमन्य की गयी है। यह अनुदान अगले वित्तीय वर्ष से अनुमन्य होगा। इसके अलावा जल वितरण के लिए एच.डी.पी.ई. पाइप सिंचाई प्रणाली की स्थापना हेतु लागत का 50 प्रतिशत, अधिकतम 10 हजार रुपये का अनुदान भी अलग से दिया जायेगा। मध्यम गहरी/गहरी बोरिंग असफल होने की दशा में उत्तरदायित्व निर्धारण करने, कृषकों द्वारा जमा धनराशि तथा बजट द्वारा उपलब्ध धनराशि के उपयोग एवं समायोजन के संबंध में संशोधित प्रक्रिया स्वीकृत की गयी है।
सतही जल संसाधन के उपयोग हेतु पम्पसेट देने की योजना के अन्तर्गत पम्पसेट क्रय हेतु सभी श्रेणी के कृषकों को वर्तमान में अनुमन्य 3 हजार रुपये के अनुदान को संशोधित कर निःशुल्क बोरिंग योजना के पैटर्न पर किया गया है। इसके तहत सामान्य श्रेणी के लघु कृषक को अधिकतम 4500 रुपये, सीमान्त कृषक को अधिकतम 06 हजार रुपये तथा अनुसूचित जाति/जनजाति के लघु एवं सीमान्त कृषक को अधिकतम 09 हजार रुपये का अनुदान दिया जायेगा।
सामूहिक नलकूपों के निर्माण हेतु अभी तक संचालित डा0 भीमराव अम्बेडकर नलकूप योजना (स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान) तथा डाॅ0 अम्बेडकर सामूहिक नलकूप योजना को समाप्त कर डाॅ0 राम मनोहर लोहिया सामुदायिक नलकूप योजना के नाम से नयी योजना संचालित की जायेगी। इसके अन्तर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य कृषक समूह को नलकूप निर्माण हेतु अधिकतम 5 लाख रुपये का अनुदान दिया जायेगा। सामान्य श्रेणी के लघु एवं सीमान्त कृषक बाहुल्य समूह को अधिकतम 3 लाख 92 हजार रुपये का अनुदान दिया जायेगा। इन दोनों समूहांे की श्रेणी को उक्त अनुदान में प्रति नलकूप पर अनुमन्य 68 हजार रुपये का अनुदान भी सम्मिलित है।
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राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की परियोजनाओं में लाभार्थियों को दी जाने वाली सब्सिडी की धनराशि, लाभार्थियों की संख्या एवं पात्रता में छूट प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री अधिकृत
मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की परियोजनाओं में लाभार्थियों को दी जाने वाली सब्सिडी की धनराशि, लाभार्थियों की संख्या एवं पात्रता में छूट प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।
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राज्य कर्मचारियों के विभिन्न भत्तों में दोगुनी वृद्धि
मंत्रिपरिषद ने वेतन समिति (2008) के 16वें प्रतिवेदन की संस्तुतियों के आधार पर राज्य कर्मचारियों को अनुमन्य विभिन्न प्रकार के भत्तों में दोगुनी वृद्धि करने का निर्णय लिया है। पुनरीक्षित दरें/सुविधाएं 1 नवम्बर, 2012 से लागू होंगी। इससे राज्य के चार लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे। पुनरीक्षित दरों को लागू करने से लगभग 70 करोड़ रुपए के वार्षिक अतिरिक्त व्ययभार का अनुमान है।
जिन भत्तों में दोगुनी वृद्धि किए जाने का निर्णय लिया गया है, उनमें वाहन भत्ता, स्थायी मासिक भत्ता/नियत यात्रा भत्ता, राजकीय वाहन चालकों को मानदेय स्वरूप अतिरिक्त वेतन, कम्प्यूटर संचालन हेतु प्रोत्साहन भत्ता, शिक्षा सम्बन्धी सहायता, द्विभाषी प्रोत्साहन भत्ता, अवकाश यात्रा भत्ता तथा राजकीय कर्मियों को अनुमन्य भत्ते एवं सुविधाएं जैसे-वर्दी भत्ता, वर्दी नवीनीकरण भत्ता एवं वर्दी धुलाई भत्ता शामिल हैं।
वेतन समिति (2008) के पन्द्रहवें प्रतिवेदन के माध्यम से प्रदेश के सार्वजनिक निगम/उपक्रमों की पदवार/संवर्गवार संस्तुतियाँ प्राप्त हुईं। मंत्रिपरिषद द्वारा इन संस्तुतियों को सैद्धान्ति रूप से इस शर्त के अधीन स्वीकार किया गया कि सम्बन्धित संस्तुतियों के अनुसार व्यवस्था करने हेतु सम्बन्धित सार्वजनिक निगम/उपक्रम को आर्थिक स्थिति के आलोक में परीक्षणोपरान्त निर्णय लेते हुए आवश्यक अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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