राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश महासचिव डाॅ0 केे0के0 त्रिपाठी ने बताया कि आगामी 6 नवम्बर को नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान का प्रदेश कार्यालय में पदाधिकारियो कार्यकर्ताओं तथा फ्रन्टल संगठनों के अध्यक्षों द्वारा भव्य स्वागत किया जायेगा। स्वागत के लिए पूरे शहर में पोस्टर बैनर, झण्डा और होर्डिंग कार्यकर्ताओं द्वारा युद्ध स्तर पर लगाया जा रहा है। पूरे प्रदेश के कार्यकर्ताओं में नवनियुक्त अध्यक्ष के स्वागत के लिए काफी उत्साह है। सभी कार्यकर्ता प्रदेश के विभिन्न जनपदों से लखनऊ पहुंचने की तैयारी में लग गये है।
श्री चैहान राष्ट्रीय अध्यक्ष चै0 अजित सिंह नागर विमानन मंत्री से प्रदेश संगठन को धारदार बनाने तथा चै0 चरण सिंह की नीतियों व सिद्वान्तों का जन-जन तक पहुंचाने के लिए मार्ग दर्शन एवं आर्शीवाद प्राप्त कर 6 नवम्बर को राष्ट्रीय लोकदल के कार्यालय में अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण करेंगें। पद ग्रहण के समय राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ मा0 सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, तथा वरिष्ठ पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।
राष्ट्रीय लोकदल प्रदेश के नौंजवानो, किसानों, मजदूरों, महिलाओं, अति पिछडों दलितों व अकलियतों को लामबन्द कर उनकी समस्याओं को लेेकर कार्यकर्ता व पदाधिकारी नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान के नेतृत्व में सड़क से लेकर विधान सभा तक संघर्ष करेंगे।
राष्ट्रीय लोकदल प्रदेश में सदस्यता अभियान युद्धस्तर पर शुरू करेगा तथा नव नियुक्त अध्यक्ष के नेतृत्व में रालोद का जनाधार बढ़ाने के लिए बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जायेगा और जनता से रूबरू होकर उनकी समस्याओें के निराकरण करने के लिए हर सम्भव प्रयास किया जायेगा।
श्री चैहान का मानना है कि विगत सरकारों ने प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमायी को दोनों हाथों से लूटा। बसपा सरकार ने मूर्ति लगाकर धोखा दिया वही सपा सरकार ने नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता का झुनझुना पकड़ाकर प्रदेश में रोजगार के अवसर को खत्म कर दिया। प्रदेश मे ंकही भी नौजवानों के लिए रोजगार का सृजन नहीं हो रहा है, बल्कि आने वाली युवा पीढ़ी को भ्रमित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार के विगत सात माह के शासन में प्रदेश में दंगों की बाढ़ आ गयी, जिससे कानून व्यवस्था की कलई खुलती जा रही है। सरकार ने घोषणा पत्र में पचास हजार रूपया किसानों के कर्ज को माफ करने का वायदा किया था, लेकिन आज ऋण माफ करने के नाम पर सरकार किसानो के साथं हीलाहवाली कर रही है, वहीं दूसरी ओर बैंकों पर ऋण वसूली हेतु दबाव बना रही है। इससे साबित होता है कि यह सरकार पूर्ण रूप से किसान विरोधी है। राष्ट्रीय लोकदल सरकार से मांग करता है कि घोषणा पत्र के मुताबिक किसानों के पचास हजार कर्ज को माफ करने के लिए तत्काल निर्णय ले अन्यथा जनता आगामी चुनाव में सरकार को मुहतोड़ जवाब देगी। प्रदेश सरकार अविलम्ब कृषि नीति की घोषणा करे जिससे किसानों की समस्याएं ब्लाक स्तर पर ही हल हो सके।
राष्ट्रीय लोकदल का मानना है कि पुनः एक बार प्रदेश गुण्डा माफियाओं और अराजक तत्वो के हवाले हो चुका है। विगत सात माह के रिपोर्ट कार्ड को देखकर लगता है कि सरकार सभी मोर्चों पर विफल है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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