उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बी0एल0जोशी ने विश्वविद्यालयों में शोध के प्रति रुझान का माहौल बनाने पर बल दिया। इस कार्य में गुणवत्ता पर जोर दिया जाना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शोध अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान कायम करने वाला होना चाहिए।
श्री जोशी आज यहां इन्टीग्रल विश्वविद्यालय के चैथे दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने दीक्षांत कार्यक्रम में उपाधि प्राप्त करने वाले विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को विशेष रूप से सम्बोधित करते हुए कहा कि उपाधि यात्रा का अंत नहीं बल्कि एक मिशन की शुरूआत है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, विशेषकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बहुविद्या और समग्र दृष्टिकोण अपनाए जाने की जरूरत है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि शिक्षा, राजनीति सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को खुशहाली के रास्ते पर ले जाने के लिए पूरी गम्भीरता से प्रयास कर रही है।
श्री यादव ने डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए यह विश्वास व्यक्त किया कि ये छात्र-छात्राएं अपनी मेहनत और ईमानदारी से विभिन्न क्षेत्रों में सफलता हासिल करेंगे और देश-प्रदेश व समाज की सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि अपनी स्थापना के बाद अल्प अवधि में इस विश्वविद्यालय ने काफी तरक्की की है। उन्होंने कहा कि इंटीग्रल विश्वविद्यालय निजी क्षेत्र में स्थापित किया जाने वाला राज्य का पहला विश्वविद्यालय है। पिछली समाजवादी सरकार ने इसे विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया था। अपनी स्थापना के साथ अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान का दर्जा प्राप्त करने वाला निजी क्षेत्र का पहला विश्वविद्यालय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवानों के लिए रोजगार का इंतजाम करना राज्य सरकार के सामने एक चुनौती है, जिसके दृष्टिगत पूरी गम्भीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार का प्रयास है कि उद्यमी उत्तर प्रदेश में उद्योगों की स्थापना करंे, ताकि युवाओं को रोजगार के नए अवसर सुलभ हों। इसी क्रम में प्रदेश सरकार ने नई अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति लागू की है। उन्होंने कहा कि जब तक युवाओं को रोजगार नहीं मिलता, उस अवधि में उनकी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार बेरोजगारी भत्ता प्रदान कर रही है।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करना राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसके तहत कन्या विद्या धन योजना संचालित की जा रही है। इसके अतिरिक्त कक्षा 10 पास करने वाली अल्पसंख्यक परिवारों की बालिकाओं को आर्थिक मदद भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी इंजीनियरिंग व मेडिकल काॅलेजों में गरीब परिवारों की बालिकाओं के लिए मुफ्त पढ़ाई की व्यवस्था का भी निर्णय लिया गया है।
दीक्षांत समारोह के अवसर पर राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को पदक प्रदान कर सम्मानित भी किया।
प्रदेश के चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अहमद हसन ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों में तकनीकी शिक्षा के प्रसार में इस विश्वविद्यालय ने अहम मुकाम हासिल किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यहां के छात्र अपनी मेहनत, ईमानदारी और लगन से जिस क्षेत्र में जाएंगे, वहां अपनी अलग पहचान बनाएंगे। इस मौके पर सउदी अरब की फिजीशियन अक्राॅस काॅन्टीनेन्ट संस्था के लीडर डाॅ0 दायल अल-शहरानी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एस0डब्ल्यू0अख्तर ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान की प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं, वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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