भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) की उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी की दो दिवसीय बैठक 2 व 3 नवम्बर को लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर सम्पन्न हुई। ‘‘भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) की उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी फैजाबाद में हुए साम्प्रदायिक दंगे पर गहरी चिंता व्यक्त करती है। जिस तरह एक मामूली घटना को बहाना बनाकर यह दंगा किया गया और 24 अक्टूबर से कुछ दिन पहले योगी आदित्यनाथ ने फैजाबाद जाकर भड़काऊ भाषण दिया तथा जिस तेजी के साथ कुछ ही समय के अंदर दंगा जिले के अन्य इलाकों में फैल गया, उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि यह दंगा एकाएक न होकर सुविचारित योजना का परिणाम था जिसके लिए पहले से पूरी तैयारी की गयी थी। इस दंगे में अल्पसंख्यकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा और उनकी लगभग सौ दुकाने जलाकर राख कर दी गयीं। बरेली और कोसीकला के दंगे की तरह फैजाबाद का दंगा भी यह सिद्ध कर देता है कि मौजूदा सरकार साम्प्रदायिक तत्वों पर अंकुश लगाने और दंगों से तुरन्त निपटने में पूरी तरह से अक्षम सिद्ध हो रही है। राज्य कमेटी ने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की है कि अन्य पार्टियां जिनमें शासक दल भी शामिल हो जाता है, साम्प्रदायिकता के खतरे को गंभीरता से लेने की बजाय तथा प्रदेश में अमन चैन और भाईचारा बनाये रखने की कोशिश करने की बजाय इसका इस्तेमाल राजनीतिक स्वार्थसिद्धि के लिए करना चाहता है। साम्प्रदायिक धु्रवीकरण हिन्दुत्ववादी ताकतों के एजेण्डे का मुख्य लक्ष्य है और इसी दिशा में वह लगातार काम कर रहे हैं।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) की उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी ने फैसला लिया है कि वह अन्य धर्म निरपेक्ष ताकतों के साथ मिलकर प्रदेश में सामाजिक भाईचारे को बढ़ाने के लिए और साम्प्रदायिक ताकतों को चाहे वह किसी भी समुदाय की क्यों न हों, बेनकाब करने के लिए अभियान चलायेगी।’’
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भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) की उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी की दो दिवसीय बैठक 2 व 3 नवम्बर को लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर सम्पन्न हुई। बैठक के बाद निम्न प्रेस विज्ञप्ति जारी की गयी:-
‘‘भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) की उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी प्रदेश में बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था की स्थिति और बढ़ते हुए अपराधों पर जिनका शिकार मुख्य रूप से दलित और महिलायें हो रहे हैं, गहरी चिंता व्यक्त करती है। राज्य कमेटी यह भी नोट करती है कि प्रदेश में नीचे से लेकर ऊपर तक भ्रष्टाचार व्याप्त है तथा सरकार उस पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से नाकाम रही है। उपज का सही मूल्य निर्धारित करने में सरकार की हीला हवाली कर्जमाफी में की जा रही देरी तथा अन्यायपूर्ण भूमि अधिग्रहण सरकार के किसान विरोधी रूख को बताते हैं।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) प्रदेश के सभी जिलों में सरकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून व्यवस्था में सुधार और अपराधों में अंकुश लगाने के लिए कृषक हितैषी नीतियों को लागू कराने के लिए तथा अन्यायपूर्ण भूमि अधिग्रहण के विरोध में आंदोलन चलायेगी।’’
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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