उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने पुलिस पर हो रहे लगातार हमले को यूपी की कानून-व्यवस्था के लिए घातक बताया है। उन्होंने कहा है कि पुलिस अपने हनक और इकबाल से अराजक तत्वों के मंसूबों को तोड़ती है, लेकिन जिस तरह राजधानी समेत पूरे प्रदेश में पुलिस कर्मियों पर हमले हो रहे हैं, उससे सरकार की भी साख प्रभावित हो रही है। त्रिपाठी ने इस स्थिति के लिए सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि सरकार के रुख से ही पुलिस का मनोबल बढ़ता है, लेकिन पिछले सात माह से उन पर लगातार हमले हो रहे हैं।
राजधानी में सिपाही पर हमला और एक सिपाही को मामा भांजे द्वारा हेलमेट से पीटे जाने के बाद प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि सपा के कुछ छुटभैए नेता भी जिस तरह थानों में घुसकर उपद्रव कर रहे हें और अभियुक्तों को छुड़ा ले जाते हैं, उससे भी सरकार की बदनामी बढ़ रही है। त्रिपाठी ने कहा कि जिस राज्य की पुलिस का इकबाल खत्म हो जाता है, वह राज्य माफियाओं की मुट्ठी में चला जाता है। पिछले दो दशक से भ्रष्टाचार और अराजकता की मार सह रहे यूपी को बदहाली से निजात दिलाने के लिए बेहतर कानून-व्यवस्था की जरूरत है, लेकिन जिस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं, उससे लगता है कि यह कतई संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के एक पखवारे बाद ही मुख्यमंत्री के गृह जिले इटावा में 28 मार्च को बनामई गांव में दबिश देने गये दरोगा पर जिस तरह हमला हुआ और उसके बाद लगातार इलाहाबाद के मेजा थाने में जिस तरह थाने में सपा नेता ने घुसकर एक अभियुक्त को छुडाया उससे पूरी व्यवस्था पंगु हो गयी और यह सिलसिला चल पड़ा। उन्होंने मुख्यमंत्री से ऐसे तत्वों को काबू करने और उन पर सख्ती बरतने की मांग की है। त्रिपाठी ने पुलिस कर्मियों से भी अपना आचरण ठीक रखने की अपेक्षा की है ताकि उन पर हाथ उठाने की कोई हिम्मत न करे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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