उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिए हंै कि पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान (पायका) के तहत विगत वित्तीय वर्ष 2008-09 में चयनित 4982 ग्राम पंचायतों एवं 67 क्षेत्र पंचायतों में विकसित पायका सेन्टर्स का प्राविधानों के तहत भौतिक सत्यापन कराया जाए। पायका योजनान्तर्गत विगत वर्षों में आयोजित कराये गये कार्यक्रमों का भौतिक सत्यापन कर एक माह के अन्दर आख्या प्रस्तुत की जाए। अब तक सत्यापन न कराये जाने के कारणों की जाँच कर दोषी अधिकारियों को चिन्हित कर दण्डित किया जाए। भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान की राज्यस्तरीय कार्यकारी समिति की बैठक विगत एक वर्ष के उपरान्त आयोजित कराये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने निर्देश दिये कि प्राविधानों के तहत वर्ष में दो बार अवश्य आयोजित कराई जाए। पायका योजनान्तर्गत खेल मैदानों के विकास हेतु कराये गये कार्यों-खेल मैदानों का विकास, लगाये गये उपकरणों आदि की गुणवत्ता को सुनिश्चित कराने हेतु राज्य स्तर की शासकीय एजेसिंयों से थर्ड पार्टी मूल्यांकन कराया जाए। ग्राम स्तर पर खेलों के विकास हेतु अनुभवी खिलाडि़यों का ’क्रीड़ाश्री’ गठित समिति द्वारा चयन शीघ्र कराया जाए। टेक्नीकल कन्सल्टेन्ट को संविदा के आधार पर नियुक्त करने का व्यापक प्रचार-प्रसार कराकर गठित चयन समिति द्वारा योग्य एवं अनुभवी व्यक्ति को चयनित करने हेतु कार्यवाई प्रारम्भ की जाए।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान की राज्यस्तरीय कार्यकारी समिति बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विगत दो वर्षों से पायका अभियान हेतु भारत सरकार से आवश्यक धनराशि न निर्गत किए जाने के कारणों का उल्लेख करते हुए मा0 मुख्यमंत्री जी के तरफ से भारत सरकार को पत्र भेजा जाए। उन्होंने कहा कि बारहवीं पचंवर्षीय योजना के अन्तिम वित्तीय वर्ष आगामी वित्तीय वर्ष 2016-17 तक प्रदेश के समस्त ग्राम पंचायतों एवं क्षेत्र पंचायत स्तर पर खेल मैदानों का विकास कर खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु विस्तृत कार्य योजना बना ली जाय। पायका योजनान्तर्गत ग्राम पंचायतों एवं क्षेत्र पंचायतों हेतु आवंटित धनराशि के व्यय का स्थलीय निरीक्षण कराया जाय।
श्री उस्मानी ने निर्देश दिये कि राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिताओं की प्रस्तावित तिथियों दिसम्बर/जनवरी के पूर्व विकास खण्ड, जनपद, जोन तथा राज्य स्तर की खेल प्रतियोगितायें तत्काल आयोजित करा ली जायें। उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्र में समाहित ग्राम पंचायतों के स्थान पर नई ग्राम पंचायतों का चयन आगामी वर्षो में कर के पायका सेन्टर का विकास कराया जाय। प्रदेश की विविधता युक्त भौगोलिक परिस्थित, (दुर्गम क्षेत्र) नक्सल प्रभावित क्षेत्र एवं अन्तर्राष्ट्रीय सीमा के निकट की ग्राम पंचायतों तथा अन्य क्षेत्रों की परस्पर 02 कि0मी0 से अधिक दूरी पर स्थित ग्राम पंचायतों मंे निर्धारित आबादी से कम आबादी होने की स्थिति में भी स्वतंत्र पायका सेन्टर बनाया जाय।
बैठक में सचिव खेलकूद, श्री सुरेश चन्द्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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