कृषि उत्पादन आयुक्त, श्री आलोक रंजन द्वारा भूगर्भ जल संवर्धन योजनाएं तैयार किये जाने की प्रगति की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिये हैं कि 36 जनपदों में स्थित 108 विकास खण्डों की इन योजनाओं को प्राथमिकता पर तैयार किया जाये। इन योजनाओं को समयबद्ध ढंग से तैयार करने के लिये सम्बन्धित जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित करने के भी निर्देश दिये गये। उन्होंने सभी विभागों से यह अपेक्षा की है कि इस सम्बन्ध में निर्गत किये गये शासनादेश दिनांक 06 जून, 2012 में दिये गये निर्देशों का सभी विभाग एवं जनपद स्तर के अधिकारी प्राथमिकता पर अनुपालन सुनिश्चित करायें।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने यह निर्देश बुधवार 31 अक्टूबर को अपने कार्यालय में आयोजित बैठक में दिये। उन्होंने कृषि विभाग को यह निर्देश दिये हैं कि वे संकटग्रस्त विकास खण्डों में कम जल खपत वाली फसलों एवं जन के कुशल प्रबन्धन वाली तकनीकों को प्रोत्साहित करने की रणनीति बनाये। साथ ही उन्होंने भूगर्भ जल विभाग को यह निर्देश दिये कि वर्षा जल संचयन व रिचार्ज से सम्बन्धित समस्त आंकड़े कम्प्यूटरीकृत कर लिये जायें। कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा यह निर्देश दिये गये कि भूजल प्रबन्धन एवं संरक्षण की योजना वाटर शेड के आधार पर तैयार की जाए और इसके लिये भूगर्भ जल विभाग एवं कृषि विभाग तथा रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेण्टर कार्यवाही करेंगे।
बैठक में भूगर्भ जल विभाग के विशेष सचिव, श्री एस0के0 द्विवेदी ने यह अवगत कराया कि पांच प्रदेश के जनपदों यथा अलीगढ़, सहारनपुर, कन्नौज, फिरोजाबाद तथा चित्रकूट की कार्य योजनाओं को वाटर एण्ड पावर कन्सल्टेन्सी के सहयोग से तैयार कराया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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