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समाजवादी होने का मतलब है आशावादी होना, सहिष्णु होना

Posted on 01 November 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के राजस्व मंत्री अम्बिका चैधरी ने कहा है कि समाजवादी होने का मतलब है आशावादी होना, सहिष्णु होना। चैधरी आचार्य नरेन्द्र देव समाजवादी संस्थान एवं उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान लखनऊ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में डी0पी0ए0 हाल में आयोजित आचार्य नरेन्द्र देव की 124वीं जयन्ती के अवसर पर आयोजित व्याख्यानमाला में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार की सभी नीतियों में समाजवादी विचारकों एवं चिन्तकों के विचार परिलक्षित होते हैं। उन्होंने कहा कि सर्वाधिक वंचितों को बराबरी पर लाना हमारी प्राथमिकता है और यही नैतिक बाध्यता भी है। यह हम करते रहे हैं और करते रहेगें। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली के प्रो0 आनन्द कुमार ने मुख्य वक्ता के रूप में ’’मौजूदा दौर में समाजवाद का महत्व और आचार्य नरेन्द्र की विरासत’’ विषय पर विस्तार से एवं स्पष्ट रूप में अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि आचार्य नरेन्द्र देव ने जिस राष्ट्रीयता और समाजवाद का आह्वान किया था, आज के बाजारवादी समय में एक बार फिर सांस्कृतिक नवरचना के आन्दोलन की जरूरत है। वे सदैव आशावादी थे और उनकी आशा का आधार भारत का जीवन-दर्शन था, जिसमें उनकी गहन आस्था थी। उन्होंने अपनी सोच और कार्यशैली से घोर हताशा के समय में भी समाज को उम्मीद की रौशनी दी है। सांस्कृतिक अवमूल्यन के वर्तमान समय में एक बार फिर उनकी विरासत के पुनर्पाठ की जरूरत है। वरिष्ठ पत्रकार के0 विक्रम राव ने कहा कि आचार्य जी बाल गंगाधर तिलक से प्रभावित थे। उन्होंने कभी समीकरण की राजनीति नहीं की, वे सदैव संघर्ष की राजनीति में विश्वास रखते थे। उन्होंने कहा कि वह दौर व्यापक सोच का था जब मतभेद तो होते थे पर मर्यादायें जिन्दा रहती थीं। देश सर्वोपरि होता था। समारोह के अंत में आचार्य नरेन्द्र देव समाजवादी संस्थान के सचिव   के0सी0 मिश्रा ने आचार्य नरेन्द्र देव के प्रेरक संस्मरण सुनाते हुये धन्यवाद ज्ञापित किया।
उल्लेखनीय है कि आचार्य नरेन्द्र देव स्मृति व्याख्यानमाला का शुभारम्भ सन् 1992 में हुआ था। प्रथम व्याख्यान प्रख्यात समाजवादी चिन्तक एवं 1942 की अगस्त क्रान्ति के अग्रणी नेता स्व0 अच्युत पटवर्धन ने दिया था। विगत वर्षों में पूर्व प्रधानमंत्री श्री चन्द्रशेखर, श्री प्रेम भसीन, श्री सुरेन्द्र मोहन, कपिला वात्स्यायन आदि द्वारा इस श्रंखला में व्याख्यान दिये जा चुके हैं। आचार्य नरेन्द्र देव स्मृति व्याख्यानमाला की 21वीं कड़ी के अवसर पर आज यहाॅ लखनऊ विश्वविद्यालय के डी0पी0ए0 हाॅल में के0 विक्रम राव,  आनन्द कुमार, भैया जी, प्रो0 यू0सी0 वशिष्ठ, सुरेन्द्र, विक्रम सिंह, मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त संदीप पाण्डेय उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन  डा0 सुभाष मिश्र ने किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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