प्रदेष के 24 अल्पसंख्यक बाहुल्य जि़लों में संचालित मल्टी-सेक्टोरल डेवलपमेंट प्लान के तहत भारत सरकार द्वारा गठित इम्पाॅवर्ड कमेटी ने हाल ही में 12 वीं पंचवर्षीय योजना के संबंध में आयोजित बैठक में 20 जि़लों की कुल 29470.019 लाख रूपये की लागत वाली योजनाओं के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। यह जानकारी देते हुए अल्पसंख्यक कल्याण सचिव श्रीमती लीना जौहरी ने आज यहाॅं बताया कि जिन 20 जि़लों के प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी है उनमें पीलीभीत, मुरादाबाद, सम्भल, मुज़फ्फरनगर, शामली, बहराइच, बलरामपुर, बाराबंकी, बरेली, बिजनौर, बदायूॅं, लखनऊ, रामपुर, शाहजहाॅंपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, जे0 पी0 नगर (अमरोहा) मेरठ, ग़ाजियाबाद तथा हापुड़ शामिल हैं। शेष चार जि़लों के प्रस्तावों को अनुमोदन हेतु भारत सरकार की इम्पाॅवर्ड कमेटी को भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि 11वीं पंचवर्षीय योजना में अल्पसंख्यक बाहुल्य आबादी वाले सम्बन्धित जनपदों के जो क्षेत्र/ग्राम असंतृप्त रह गये थे उन्हें संतृप्त करने के साथ ही 12वीं पंचवर्षीय योजना में न्यूनतम 25 प्रतिशत एवं उससे अधिक अल्पसंख्यक आबादी वाले ब्लाकों एवं ग्रामों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये गये हैं।
श्रीमती जौहरी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा प्रदेष में वर्ष 2007-08 से संचालित इस योजना की अवधि 2011-12 में समाप्त हो गयी थी जिसे वर्ष 2012-13 में फिलहाल पूर्व से प्रचलित दिषा-निर्देंषों के तहत 12वीं पंचवर्षीय योजना में विस्तार दे दिया गया है। इन्हीं दिषा-निर्देषों के तहत 20 जनपदों के प्रेषित प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी है। यह योजना पूर्व में प्रदेष के 21 अल्पसंख्यक बाहुल्य जि़लों में चलाई जा रही थी, लेकिन नव-सृजित शामली, हापुड़ व सम्भल जि़लों को मिलाते हुए वर्तमान में इसे प्रदेष के 24 जि़लों में चलाया जा रहा है। अल्पसंख्यक कल्याण सचिव ने बताया कि मल्टी-सेक्टोरल डेवलपमेन्ट प्लान का मुख्य उद्देष्य अल्पसंख्यक बाहुल्य जि़लों में सामाजिक, अ़ार्थिक एवं शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े लोगों को मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराकर उनके जीवन स्तर में सुधार लाना है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए लाभार्थी-परक योजनाओं का संचालन किया जाता है। उन्होंने बताया कि 11वीं पंचवर्षीय योजना में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मल्टी सेक्टोरल डेवलपमेण्ट प्रोग्राम के अन्तर्गत मुख्यतः आंगनबाड़ी केन्द्र, आई0टी0आई0 भवन, इन्दिरा आवास, प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेन्द्र के भवन निर्माण, राजकीय इण्टर कालेज, राजकीय पालिटेक्निक का भवन निर्माण, विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षा-कक्ष, बालक एवं बालिका छात्रावास तथा हैण्डपम्पों की स्थापना आदि के लिए स्वीकृति प्रदान की गयी थी। श्रीमती जौहरी ने बताया कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में प्रेषित प्रस्तावों के परिणाम स्वरूप अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 11वीं पंचवर्षीय योजना में पूर्व में स्वीकृत योजनाओं के अतिरिक्त कुछ नवीन योजनाओं के लिए भी धनराशि अवमुक्त किये जाने पर सहमति प्रदान की गयी है। नवीन स्वीकृत योजनाओं के तहत किये जाने वाले निर्माण कार्यों में कई जनपदों की बड़ी पेयजल योजनायें, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षा-कक्ष, राजकीय बालक/बालिका इण्टर कालेजों में प्रयोगशाला, अतिरिक्त कक्षा-कक्ष, वाचनालय, राजकीय प्राइमरी एवं हायर सेकेण्ड्री विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में आधुनिक शिक्षण किट्स यथा-प्रोजेक्टर, सफेद बोर्ड, लैब उपकरण, कम्प्यूटर रूम आदि, राजकीय इण्टर कालेजों में सहगामी गतिविधियों के लिए बहुउद्देशीय हाल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, गूंगे-बहरे बच्चों के लिए विद्यालय का भवन, नेत्र चिकित्सालय का उच्चीकरण आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इन नवीन परियोजनाओं के स्वीकृत होने से प्रदेश की शैक्षणिक रूप से पिछड़ी हुयी अल्पसंख्यक आबादी को निश्चित रूप से लाभ प्राप्त होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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