बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी, सांसद (राज्यसभा) ने प्रदेश की बद-से-बदतर होती अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था के साथ-साथ प्रदेश भर में लगातार खराब होती जा रही साम्प्रदायिक स्थिति एवं तनाव व जान-माल की हानि पर गम्भीर चिन्ता व्यक्त करते हुये कहाकि इन कारणों से पूरे प्रदेश में एक प्रकार से दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है।
उल्लेखनीय है कि हिमांचल प्रदेश विधानसभा आमचुनाव हेतु दिनांक 25 से 28 अक्टूबर सन् 2012 तक पार्टी के चुनाव अभियान से वापस लखनऊ लौटने के बाद प्रदेश की ताजा राजनैतिक स्थिति का जायजा लेने पर बी.एस.पी. प्रमुख सुश्री मायावती जी ने पाया कि वैसे तो अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था की स्थिति सपा सरकार की स्थापना के समय से ही काफी ज्यादा बिगड़नी शुरू हो गयी थी और अब तक प्रदेश में पूरी तरह से ’’जंगलराज व गुण्डाराज’’ व्याप्त हो गया है, जिसे सम्भालने में सपा सरकार काफी मजबूर व लाचार मालूम पड़ रही है, परन्तु प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में साम्प्रदायिक दंगों के कारण लोगों के भारी जान-माल की हानि व लगातार तनाव के कारण साम्प्रदायिक सद्भावना की स्थिति भी लगातार खराब होती जा रही है, जो एक काफी खतरनाक व गंभीर चिन्ताजनक मामला है। पहले मथुरा, बरेली, प्रतापगढ़ और अब फैजाबाद आदि में भी साम्प्रदायिक दंगों व इन शहरों में लम्बी अवधि के कफ्र्यू की स्थिति खासकर काफी ज्यादा चिन्ताजनक बात है, क्योंकि ये सभी शहर साम्प्रदायिक स्थिति से हमेशा ही काफी ज्यादा संवेदनशील समझे जाते हैं और यहाँ पर सुरक्षा व्यवस्था लगातार चुस्त व दुरूस्त रहनी चाहिये थी। लेकिन बड़े दुःख की बात है कि सपा सरकार इन गम्भीर मामलों में भी लगातार उदासीन व लापरवाह बनी हुई है और किस्म-किस्म की केवल ‘‘हवाई घोषणा‘‘ करने में ही अपराधिक स्तर तक व्यस्त है। लोगों का कहना है कि छोटे-बड़े कुल मिलाकर सैकड़ों साम्प्रदायिक दंगे अब तक प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हो चुके हैं।
बी.एस.पी. प्रमुख सुश्री मायावती जी ने कहा कि वर्तमान सपा सरकार के लगभग आठ महीने के शासनकाल में ही प्रदेश में काफी ज्यादा स्थानों पर साम्प्रदायिक दंगों व तनाव आदि से समाज के हर वर्ग के लोगों में दहशत है एवं उनमें असुरक्षा का माहौल है। सपा सरकार के रवैये ने पुलिस व प्रशासन को भी पंगू जैसी स्थिति में ला खड़ा किया है। अपराधियों के बजाये, पुलिस व प्रशासन में काम करने वाले अफसरों में खौफ व दहशत है। इसके विपरीत बी.एस.पी. के शासनकाल में ‘‘कानून द्वारा कानून का राज‘‘ कायम था और अपराधी व माफिया या तो जेलों में थे या प्रदेश छोड़कर भाग गये थे। परन्तु अब उन्हीं जैसे लोगों का राज सपा सरकार में चल रहा है, जिससे आम आदमी काफी ज्यादा दुःखी व परेशान है क्योंकि उनका जीवन काफी ज्यादा प्रभावित हो रहा है। इतना ही नही, श्रीराम जन्म भूमि/बाबरी मस्जिद जैसे अत्यन्त संवेदनशील मामले में भी माननीय उच्च न्यायालय की विशेष खण्डपीठ का फैसला आने के बाद की परिस्थिति का भी बी.एस.पी. की सरकार ने बड़ी सूझ-बूझ व मुस्तैदी से सामना किया जिस कारण उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरा देश साम्प्रदायिक तनाव व दंगों के अभिशाप से मुक्त व पाक रहा था। और बी.एस.पी. सरकार की इन बातों से ही सपा सरकार को सबक सीखकर प्रदेश में अपराध नियन्त्रण व कानून-व्यवस्था के साथ-साथ साम्प्रदायिक स्थिति को संभालने का प्रयास करना चाहिये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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