उत्तर प्रदेष कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में आज षरद पूर्णिमा के मौके पर आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जयन्ती समारोह का आयोजन उ0प्र0 कंाग्रेस अनुसूचित जाति/जनजाति विभाग के चेयरमैन एवं पूर्व आई0ए0एस0 श्री रामकृष्ण की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। जयन्ती कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उ0प्र0 कंाग्रेस अनुषासन समिति के चेयरमैन एवं पूर्व मंत्री श्री रामकृष्ण द्विवेदी मुख्य रूप से मौजूद थे। समारोह का संचालन कांग्रेस के दलित नेता श्री ष्यामलाल पुजारी ने किया। कार्यक्रम का षुभारम्भ महर्षि वाल्मीकि जी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। इस अवसर पर पूजा-पाठ एवं आरती के साथ ही प्रसाद वितरण किया गया।
प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता वीरेन्द्र मदान ने बताया कि इस अवसर पर आयोजित जयन्ती समारोह में सर्वश्री पूर्वमंत्री राजबहादुर, पूर्व एमएलसी सिराज मेंहदी, पूर्व विधायक नेकचन्द पाण्डेय, मदन मोहन षुक्ला, पूर्व विधायक एवं शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ष्याम किषोर षुक्ला, सुबोध श्रीवास्तव, महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती मीरा सिंह, डाॅ0 जियाराम वर्मा, विजय बहादुर सिंह, के0के0 रावत, अरविन्द पटेल, प्रेमकला श्रीवास्तव आदि कांग्रेस नेताओं ने सभा को सम्बोधित कर महर्षि वाल्मीकि को श्रद्धासुमन अर्पित कर उनके जीवनदर्शन पर प्रकाष डाला। सभा में प्रमुख रूप से शहर कंाग्रेस के कार्य0 अध्यक्ष श्री बोधलाल शुक्ल, श्रीमती सुषीला षर्मा, के0के0 षुक्ला, मेंहदी हसन, बृजेष वाल्मीकि, रामनरेष भारती, आषा यादव, अषोक वाल्मीकि, श्रीकृष्ण वर्मा, मुन्ना लाल भारती, रूपाली सामन्त आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
महर्षि वाल्मीकि जयन्ती पर श्रद्धासुन अर्पित करते हुए पूर्व मंत्री श्री रामकृष्ण द्विवेदी ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने आदि महाकाव्य की रचनाकर जन मानस में ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’ की भावना का संचार किया है। उन्होने कहा कि महर्षि बाल्मीकि के जीवन से प्रेरणा लेकर हम सभी को देष एवं समाज के हितोत्थान के लिए समर्पित भावना से योगदान देने की आवश्यकता है।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे श्री रामकृष्ण, पूर्व आई0ए0एस0 ने कहा कि महर्षि बाल्मीकि का दलितों, षोषितों एवं पिछड़ों के उत्थान में बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होने कहा कि महर्षि बाल्मीकि द्वारा समाज के हितों के लिए जो कार्य किये गये हैं उससे प्रेरणा लेना चाहिए।
समारोह का संचालन करते हुए श्री ष्यामलाल पुजारी ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने सामाजिक समरसता के लिए एवं मैत्रीपूर्ण जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा दी है। जिसके बलबूते उन्होंने श्रीराम को चक्रवर्ती राजा के रूप में स्थापित किया। आज के दिन हम सभी को महर्षि बाल्मीकि के जीवन से प्रेरणा लेकर समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने व आपस में भेदभावरहित जीवन जीने का संकल्प लेना चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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