समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश का शानदार ऐतिहासिक और राजनैतिक इतिहास रहा है और देष की राजनीति के रूख को मोड़नेवाले कई शानदार नेता भी इसने दिए है। लेकिन यह राज्य पिछले पांच वर्षो में देश के इतिहास की सबसे बड़ी लूट, भ्रष्टाचार, निर्दोष लोगों के उत्पीड़न, बलात्कार और जंगलराज का गवाह बना है। दुर्भाग्य से भ्रष्टतंत्र से जुड़े वही लोग जनादेश का तिरस्कार करते हुए समाजवादी पार्टी की सरकार के खिलाफ पहले ही दिन से दुष्प्रचार में लगे हुए हैं।
जिस पार्टी का कभी नीति वक्तव्य या चुनाव घोषणा पत्र ही जनता के सामने न आया हो उसके लोग जब समाजवादी पार्टी की सरकार के निर्णयों पर उंगली उठाते हैं तो अचम्भा होता है। इसके लिए वे उन निर्णयों पर भी अनर्गल प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं जो उनकी सरकार के समय हुए ही नहीं थे। इसी तरह सांप्रदायिकता की राजनीति करनेवाले दल के लोग भी निराधार आरोप लगा रहे हैं। उन्हें अपने गिरेबां में झांकने की जरूरत है। प्रदेश की जनता जातिवादी साम्प्रदायिक और अवसरवादी निहित स्वार्थी राजनीति करनेवाले से सतर्क रहे। मुख्यमंत्री जी ने भी माहौल खराब करनेवालों को चेतावनी दी है। समाजवादी पार्टी सरकार सांप्रदायिक तत्वों से कड़ाई से निबटेगी।
पूरे पांच साल जो सिर्फ शिलान्यास और उद्घाटन के पत्थरों पर सरकारी खजाना लुटाते रहे उन्हें जनहित के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के निर्णय पहले दिन से ही पसंद नहीं आ रहे हैं। छह महीने के अन्दर ही नौजवानों को बेरेाजगारी भत्ता, छात्रसंघ बहाली, कन्या विद्याधन, किसानों की कर्ज माफी, किसानों को आपदा बीमा, छात्राओं को यूनीफार्म और पाठ्य पुस्तके, मदरसों को मदद आदि तमाम निर्णय सरकार ने किए हैं। मुस्लिम समाज के लिए दरगाहों को मदद, कब्रिस्तानों की चहारदीवारी निर्माण, मदरसों को अनुदान, शादी और पढ़ाई के लिए विशेष अनुदान, मुस्लिम इलाकों में उर्दू की पढ़ाई के लिए स्कूल तथा जौहर विश्वविद्यालय और हजरत चिश्ती उर्दू अरबी, फारसी विश्वविद्यालय की स्थापना जैसे निर्णय इन्हें दिखाई नहीं देते हैं क्योंकि अपने कार्यकाल में तो ये सिर्फ लूट की ही धंधा करते रहे थे। जनहित की योजनाओं में कमीशन बटोरने का काम कर रहे थे। जिन्होने छात्र-छात्राओं के लिए एक धेला खर्च नहीं किया उन्हें समाजवादी पार्टी सरकार द्वारा दिए जानेवाले प्रत्येक विद्यार्थी को 30 हजार रूपए भी कम लग रहे हैं।
यह अजीब बात है कि किसानों, नौजवानों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के कल्याण की जो योजनाएं समाजवादी पार्टी सरकार ने चलाई हैं उनमें कथित विपक्षी नेताओं को खोट ही दिख रही है। कुछ को मुस्लिम का नाम सुनते ही एलर्जी होती है और उन्हें तुष्टीकरण का भूत सताने लगता है। ये सब वे तत्व हैं जिन्होने अपने शासनकाल में प्रदेश को हर क्षेत्र में पिछड़ा औेर बीमार बनाया है। इन्हें समाजवादी पार्टी राज में सब कुछ उल्टा-पुल्टा ही दिखता है और उन्हें अपने जंगलराज की कहानियों को बखान आज भी करने की आदत है। जिनकी पूर्व मुख्यमंत्री अपनी पार्टी और सरकार में 500 अपराधियों की गणना करती रही हो और जिसके आधा दर्जन से ज्यादा मंत्री, विधायक अपहरण, हत्या, लूट और बलात्कार में जेल की सजा काट रहे हों उन्हें मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की स्वच्छ छवि और लोकप्रिय नेतृत्व पर शंका करने का क्या नैतिक अधिकार है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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