उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड एवं विंध्य क्षेत्र में सिंचाई जल उपयोग की क्षमता बढ़ाने के लिए 17,041.50 लाख रुपये की योजना स्वीकृत की गयी है। इसके लिए वर्ष 2012-13 में 18.59 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। इस योजना को बुन्देलखण्ड के सभी जनपद झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट विंध्य क्षेत्र के मिर्जापुर, सोनभद्र तथा इलाहाबाद के चयनित पठारी क्षेत्र के विकास खण्डों में भी संचालित किया जायेगा।
विशेष सचिव कृषि श्री निखिल चन्द्र शुक्ला के अनुसार इस योजना के अन्तर्गत चयनित क्षेत्र के सभी कृषक अनुदान प्राप्त करने के पात्र होंगे बशर्ते उनके खेतों के पास सिंचाई हेतु जल स्रोत होना चाहिये तथा वहां पर पर्याप्त जल भी उपलब्ध हो। इसमें चयनित क्षेत्रों में स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली एवं पम्प सेट पर लघु एवं सीमान्त कृषकों को 90 प्रतिशत अनुदान तथा सामान्य कृषकों के 50 प्रतिशत निर्धारित अधिकतम सीमा तक अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा। किसानों की जोत के अनुसार दो अलग-अलग साइज के स्प्रिंकलर सेट प्रणालियां होगी।
विशेष सचिव कृषि ने बताया कि योजना में कुल लाभार्थियों में से 75 प्रतिशत लाभार्थी लघु एवं सीमान्त श्रेणी के होंगे। उन्होंने बताया कि कृषकों को छूट होगी कि वे किसी भी कम्पनी के स्प्रिंकलर सेट एवं एच0डी0पी0ई0 पाइप लाइन ले सकते हैं। पम्पसेट आई0एस0आई0 मार्क होने चाहिये।
ज्ञातव्य हे कि स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली में पम्पसेट के माध्यम से जल स्रोत से जल उठाया जाता है जो दबाव के साथ पानी को फसलों के ऊपर छिड़कता है, जिसका प्रभाव वर्षा के स्वरूप में होता है। इस पद्धति के प्रयोग से सिंचाई हेतु आवश्यक पानी की 60 प्रतिशत तक की बचत होती है। इस प्रकार की सिंचाई धान्य फसलों, दलहन, तिलहन एवं सब्जियों के लिये उपयुक्त है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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