भारतीय जनता पार्टी ने सपा सरकार को अक्षम और असफल बताते हुए कहा कि ग्राम विकास, नगर विकास सहित अनेक महत्वपूर्ण विभागों की वित्तीय स्वीकृतियां माह अक्टूबर के अंतिम दिनों तक भी न जारी करना राज्य की जनता के साथ विश्वासघात है। प्रदेश प्रवक्ता विधान परिषद सदस्य हृदयनारायण दीक्षित ने आज सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर सम्वाददताओं से वार्ता करते हुए कहा कि बजट पारित हो जाने के फौरन बाद वित्तीय स्वीकृतियां जारी हो जानी चाहिए थी लेकिन यहां दाल में काला है। इसे केवल प्रशासनिक अधिकारियों की ढिलाई ही नहीं कहा जा सकता। आखिरकार अधिकारी सरकार की इच्छा के विरूद्ध हांथ पर हांथ धरकर क्यों बैठे रहे? मनचाही योजनाओं के अनुसार मनचाही धनराशि आवंटित कराने का सपाई दबाव ही इसका जिम्मेदार है।
श्री दीक्षित ने कहा कि सात माह की सरकार में बजट पारण के बावजूद वित्तीय स्वीकृतियां न मिलना खेदजनक है। विभागीय मंत्री इसकी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। उन्होंने मुख्यमंत्री से इसके लिए दोषी लोगों के विरूद्ध “उत्तरदायित्व निर्धारण” की मांग की और कहा कि विभागीय मंत्रियों की ढिलाई और सपाई राजनीति के चलते ही जनहित की उपेक्षा हुई है। इसी ढिलाई के चलते वित्तीय वर्ष के आखिरी माह मार्च में सार्वजनिक धन की लूट होती है। सपा की मंशा यही है। लेकिन भाजपा प्रतिपक्षी दल की भूमिका का निर्वहन करेगी और इस धांधली को विधानमण्डल में उठाएगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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