उत्तर प्रदेश में कृषि विभाग के अन्तर्गत 15 मण्डलों के सभी जनपदों में दिनांक 20 अक्टूबर 2012 को ‘‘अपनी मिट्टी पहचानें अभियान’’ का द्वितीय चरण संचालित किया गया। इस चरण के अन्तर्गत निर्धारित लक्ष्य 6,03,000 के सापेक्ष कुल 258257 (64.23 प्रतिशत) मृदा नमूनें एकत्रित किये गये। कृषि विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भाग लेकर मृदा परीक्षण के महत्व के बारे में किसानों को जानकारी भी दी गयी।
कृषि निदेशक श्री डी0एम0सिंह ने बताया कि अभियान दिवस में कृषकों को मिट्टी की जांच के आधार पर दी गयी संस्तुति के अनुसार उर्वरक प्रयोग कर, रबी फसलों की बुआई समय से करने हेतु प्रेरित किया गया। कृषकों को यह सलाह भी दी गयी कि अब समय आ गया है कि वे अपने खेत की मिट्टी के मुख्य पोषक तत्वों नत्रजन, फास्फोरस एवं पोटाश के साथ द्वितीयक एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की भी जांच करायें, क्योंकि जमीन में द्वितीयक एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की भी कमी परिलक्षित हो रही है यद्यपि इनकी कम मात्रा प्रयोग करनी होती है किन्तु बिना इनके प्रयोग के अच्छी पैदावार सम्भव नहीं है।
कृषि निदेशक ने बताया कि जो कृषक इस अभियान दिवस में कतिपय कारणों से अपने खेतों की मिट्टी के नमूनें प्रयोगशाला में जमा करने से वंचित रह गये है वे अपने खेतों की मिट्टी के नमूनें रबी फसलों की बुआई के पूर्व दिनांक 03 नवम्बर 2012 को आयोजित होने वाले ‘अपनी मिट्टी पहचानें’ के तीसरे चरण में भूमि परीक्षण प्रयोगशालाओं में जमा करें और मिट्टी की जांच के परिणाम के आधार पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड में दी गयी संस्तुति के अनुसार ही आवश्यक उर्वरकों एवं खादों का संतुलित मात्रा में प्रयोग करें, जिससे कि प्रदेश में कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्वि हो सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com