उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहां पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर कर्तव्य की बलिवेदी पर अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले पुलिसजनों को श्रद्धा से नमन कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने शहीद पुलिसजनों के परिवारों के प्रति भी अपनी हार्दिक संवेदना प्रकट करते हुए आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार उनके साथ है और उनकी हर सम्भव सहायता के लिए कृत संकल्प है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि बैरकों में रह रहे पुलिस कर्मियों, जिन्हें सरकारी आवास उपलब्ध नहीं हो सका है, उन्हें मकान किराया भत्ता दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों को, जिन्हें 12 रु0 प्रतिमाह की दर से वर्दी धुलाई भत्ता मिल रहा है, उसमें 10 गुना वृद्धि कर अब उन्हें 120 रु0 प्रतिमाह वर्दी धुलाई भत्ता दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि महानुभावों की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों के लिए रिजर्व पुलिस लाइन की भांति आवासीय परिसर सुरक्षा लाइन की स्थापना की जाएगी।
श्री अखिलेश यादव ने यह भी घोषणा की कि उपनिरीक्षक से निरीक्षक पद पर प्रोन्नति के अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए अब 50 प्रतिशत चयन वरिष्ठता के आधार पर तथा 50 प्रतिशत चयन परीक्षा पद्धति के आधार पर किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मुख्य आरक्षी तथा उपनिरीक्षक के पदों के लिए विभागीय परीक्षा के अन्तर्गत 10 कि0मी0 की दौड़ के कारण कार्मिकों को पूर्व में काफी कठिनाई हुई थी तथा कुछ कार्मिकों की मृत्यु भी हो गई थी। इसके मद्देनजर इस अर्हता को कम किए जाने के सम्बन्ध में विचार किए जाने का भी उन्होंने आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रान्तीय पुलिस सेवा के सभी रिक्त पदों पर प्रोन्नति की प्रक्रिया इस वर्ष 15 नवम्बर तक पूर्ण कर दी जाएगी। साथ ही प्रान्तीय पुलिस सेवा के कैडर रिव्यू का कार्य 15 जनवरी, 2013 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। श्री यादव ने कहा भारतीय पुलिस सेवा संवर्ग में प्रान्तीय पुलिस सेवा संवर्ग का कोटा 33.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का प्रस्ताव भारत सरकार को एक सप्ताह में भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस निरीक्षक के पद को राज्य की अन्य समकक्ष सेवाओं की भांति राजपत्रित घोषित करने के सम्बन्ध में इस वर्ष 15 दिसम्बर तक निर्णय ले लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पी.ए.सी. के 50 वर्ष से अधिक आयु के जवानों को ‘डिस्ट्रिक्ट आम्र्ड रिजर्व’ में स्थानांतरित करने के सम्बन्ध में भी परीक्षण किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बल की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लगभग
04 हजार उप निरीक्षक नागरिक पुलिस एवं 312 पी.ए.सी. के प्लाटून कमाण्डरों की सीधी भर्ती की कार्रवाई शुरु की गई है। उन्होंने बताया कि 2,842 कम्प्यूटर आॅपरेटरों की सीधी भर्ती किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
श्री यादव ने कहा कि सरकार पुलिसकर्मियों की परेशानियों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है तथा 38 हजार सिपाहियों का स्थानान्तरण उनके द्वारा दिये गए विकल्प के अनुसार उनकी इच्छानुसार किया गया है, ताकि हमारे जवान और अधिक मुस्तैदी से अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि थाने स्तर पर जनता के उत्पीड़न की शिकायतें मिल रही हैं तथा उनमें यदि कमी नहीं आई तो कड़े कदम उठाने पड़ेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले दिनों में विशेषकर त्योहारों के मौके पर हमारा पुलिस प्रशासन अपने दायित्वों का पूरी मुस्तैदी से निर्वहन करेगा।
श्री यादव ने कहा कि अगले साल इलाहाबाद में होने वाले महाकुम्भ मेले में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं और सैलानियों को कोई दिक्कत न हो, यह पुलिस बल के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रदेश का पुलिस बल इस चुनौतीपूर्ण कार्य का सफलतापूर्वक सामना करेगा तथा सरकार की ओर से भी इस कार्य में संसाधनों की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा आज तेजी के साथ बदलते परिवेश में अपराध की किस्में भी बदल रही हैं और इनसे पुलिस के सामने नई-नई चुनौतियां उत्पन्न हो रही हैं। आर्थिक अपराधों के नए तरीकों के साथ उनमें नए आयाम जुड़ रहे हैं। इण्टरनेट क्राइम, साइबर क्राइम जैसे अपराध के नए तरीके अपराधियों द्वारा खोजे जा रहे हैं। इन पर प्रभावी नियंत्रण करना तथा ऐसे अपराधों के बारे में पुलिसजन को जानकारी देना, जिससे कि वे उसकी छानबीन कर उस पर शीघ्रता से नियंत्रण पा सकें, आज विभाग की सबसे बड़ी जरूरत है।
श्री यादव ने कहा कि पुलिस व्यवस्था को सुदृढ़ करना वर्तमान सरकार की मुख्य प्राथमिकता है और इसके लिए योजनाबद्ध ढंग से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बात पर भी लगातार जोर दिया जा रहा है कि पुलिस का रिस्पांस टाइम न्यूनतम रहे और पुलिस बल किसी भी परिस्थितियों में तत्काल कार्यवाही करने में सक्षम हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार की प्राथमिकता है कि कानून व्यवस्था, जो पिछली सरकार के समय में पूरी तरह ध्वस्त हो गई थी, मजबूत बने और अमन-चैन व साम्प्रदायिक सौहार्द बना रहे। उन्होंने कहा कि जो पुलिसकर्मी अपने दायित्वों पर खरे नहीं उतरे हैं, उनके खिलाफ हमने अविलम्ब कार्रवाई भी की है।
श्री यादव ने पुलिस की भूमिका एवं उसके कार्यों को अत्यन्त महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जनता को त्वरित न्याय दिलाने के साथ ही पुलिसजन दुर्घटना या आग लगने या बाढ़ की दैवीय आपदा से निपटने में अपनी जान की परवाह किए बिना जनता के दुख-दर्द में शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस की भूमिका असमाजिक तत्वों व अपराधियों के साथ अत्यन्त कठोर होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट में सबसे पहले आदमी पुलिस बल से ही मदद की उम्मीद करता है। इसलिए पुलिस को अपना महत्व समझना होगा और अपने पद की गरिमा तथा कर्तव्य का ख्याल रखते हुए तत्काल लोगों को राहत पहुंचानी होगी और जनता से सद्व्यवहार करते हुए उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना होगा। संकट के मौके पर प्रभावित लोगों के लिए पुलिस का अच्छा कार्य वरदान साबित हो सकता है।
श्री यादव ने कहा कि आम नागरिक के मानवाधिकारों के साथ ही महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा के पहलू पर भी पुलिस को विशेष ध्यान देना होगा। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर काम करने से जनता के बीच पुलिस की विश्वसनीयता बढ़ेगी तथा सरकार की छवि और बेहतर बनाने में भी मदद मिलेगी।
इस अवसर पर कर्तव्य पालन के दौरान शहीद हुए पुलिस कर्मियों की विधवाओं को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।
पुलिस महानिदेशक श्री ए.सी. शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि धन्य है वह वीर पुलिसजन जो कर्तव्य पद पर शहीद हुए। उनकी वीरता व शौर्य गाथाएं जनमानस को प्रेरणा देंगी और इतिहास में अमिट छाप छोड़ जाएंगी। उन्होंने पुलिस स्मृति दिवस के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए शहीद पुलिस कर्मियों को नमन किया और कहा कि
01 सितम्बर, 2011 से 31 अगस्त, 2012 तक की अवधि में देश में कर्तव्य की वेदी पर अपने जीवन का उत्सर्ग करने वाले पुलिसजनों में उत्तर प्रदेश के 135 पुलिसजन हैं। इनमें निरीक्षक 01, उ0नि0 12, उ0नि0 (वि0श्रे0)-07, उ0नि0 (एम)-02, स0उ0नि0 (एम)-01, मुख्य आरक्षी-12, आरक्षी चालक-05 व आरक्षी-95 सम्मिलित हैं।
इस अवसर पर प्रदेश सरकार के मंत्रिगण, मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव गृह श्री आर0एम0 श्रीवास्तव सहित अनेक वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारीगण मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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