उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास पुष्टाहार मंत्री श्री राम गोबिन्द चैधरी ने कहा कि बेसिक शिक्षा तथा बाल विकास एवं पुष्टाहार के कर्मचारियों को अंतिम बार सचेत किया जाता है कि वे कार्य संस्कृति बदलें और संवेदनशीलता के साथ रूचि लेकर योजनाओं के क्रियान्वयन में भागीदारी करें। उन्होंने कहा कि अब स्वयं उनके द्वारा केन्द्रों तथा स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण किया जायेगा और दोषी पाये जाने वाले कार्मिक कड़े दण्ड के भागी होगें।
इस संबंध में श्री चैधरी ने बताया कि लगभग 60 हजार ग्राम प्रधानों से लेकर सांसदगण तक को विस्तृत पत्र लिखकर व्यवस्था ठीक करने में सहयोग की अपेक्षा की गयी है ताकि स्कूलों में टीचरों की उपस्थिति मिड-डे मील की गुणवत्ता, आॅगनबाड़ी कार्यकत्रियों की समस्याओं आदि को अच्छी तरह से सुलझाया जा सके। इस प्रकार की कार्यवाही प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संदर्भ में भी अपेक्षित है। उन्होंने बताया कि आॅगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं के पद पर चयन के लिये नई पारदर्शी प्रक्रिया हेतु 04 सितम्बर को शासनादेश भी जारी किया गया है।
श्री चैधरी ने कहा कि यद्यपि आॅगनबाड़ी केन्द्रों को समय से खोलने तथा बच्चों को नियमित पोषाहार वितरण के कड़े निर्देश दिये गये हैं और जिला व मुख्यालय स्तर से समय-समय पर जाॅच भी करायी जाती है, फिर भी यह प्रयास है कि सभी जन-प्रतिनिधि अपने क्षेत्रों के भ्रमण के समय केन्द्रों के संचालन आदि पर भी दृष्टिपात कर लें ताकि कार्यकत्रियों पर ठीक प्रकार कार्य करने का दबाव रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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