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अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रों का प्रवेश लेने वाली निजी क्षेत्र की संस्थाआंे का शत-प्रतिशत सत्यापन करायंेगी

Posted on 19 October 2012 by admin

उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रवृत्ति योजना के अनुश्रवण व पर्यवेक्षण के लिए जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। यह समिति पाठ्यक्रम में कुल अनुमोदित सीटों के सापेक्ष किसी पाठ्यक्रम में 30 फीसदी से अधिक अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रों का प्रवेश लेने वाली निजी क्षेत्र की संस्थाआंे का शत-प्रतिशत सत्यापन करायंेगी।
प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री श्री अवधेश प्रसाद ने आज यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति योजना को पारदर्शी बनाये जाने के लिए तथा जनपद स्तर पर छात्रवृत्ति योजना के अनुश्रवण व पर्यवेक्षण किये जाने के लिए गठित समिति में जिलाधिकारी अध्यक्ष, जनपदीय छात्रवृत्ति स्वीकृति समिति के अध्यक्ष को उपाध्यक्ष, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, जनपद में स्थित राजकीय विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि, यदि कोई हो,राजकीय मेडिकल कालेज के प्राचार्य, यदि कोई हो, राजकीय इंजीनियरिंग कालेज के प्राचार्य, यदि कोई हो, राजकीय पालीटेक्निक के प्राचार्य, यदि कोई हो, जिला विद्यालय निरीक्षक व जिला सूचना विज्ञान अधिकारी को सदस्य नामित किया गया है। जिला समाज कल्याण अधिकारी को समिति का सदस्य/सचिव नामित किया गया है। उन्होंने बताया कि यह समिति छात्रवृत्ति के मास्टर डाटा में संस्थाओं एवं पाठ्यक्रमों तथा उनके शुल्क संरचना व शुल्क निर्धारण का स्वविवेक से सत्यापन करायेगी। उन्होंने बताया कि समिति की प्रतिमाह बैठक की जायेगी। प्रतिमाह होने वाली बैठक की मासिक प्रगति रिपोर्ट निदेशक समाज कल्याण को उपलब्ध करायी जायेगी।

श्री अवधेश प्रसाद ने बताया कि जिन निजी क्षेत्र की संस्थाआंे की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत शुल्क प्रतिपूर्ति की माँग एक करोड़ रूपये या उससे अधिक होगी तो उस संस्था की भी यह समिति शत-प्रतिशत सत्यापन करायेगी। उन्होंने बताया कि जिन छात्रों के आवेदन-पत्र, नियमों के अंतर्गत न होने के कारण अस्वीकृत होते हैं, ऐसे अस्वीकृत किये गये आवेदन-पत्रों के सम्बन्ध में छात्रवृत्ति स्वीकृति समिति द्वारा अस्वीकृति के कारणों सहित जानकारी संस्था के माध्यम से छात्रों को ससमय उपलब्ध करायी जायेगी। सूचना प्राप्ति के 15 दिन के अन्दर सम्बन्धित छात्र, जिलाधिकारी को अपील कर सकेगा। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा पारित आदेश अंतिम होगा। पारित आदेश के अंतर्गत अनर्ह अभ्यर्थियों को अध्ययन के लिए आवश्यक शुल्क स्वयं वहन करना होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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