उत्तर प्रदेष सरकार की मंषा है कि हर हाथ को काम मिले, प्रदेष में उद्योगों का विकास हो और विदेषी पूॅंजी निवेष बढ़े। प्रदेष के हस्तषिल्प एवं अन्य पारम्परिक उत्पादों की ब्राण्ड इमेज को विकसित करने एवं प्रदेष से मध्यपूर्व एषिया के देष में निर्यात को बढ़ावा दिये जाने के उद्देष्य से एक प्रतिनिधि मण्डल लघु उद्योग राज्य मंत्री केे साथ गत दिनों मध्य जापान के दौरे पर गया था जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों के साथ निर्यात के क्षेत्र में रूचि रखने वाले आगरा, मुरादाबाद, अलीगढ़ आदि जिलोें के 10 उद्यमी/हस्तषिल्पी शामिल थें। जापान के उद्यमियों के भारत आने से विदेषी करेंसी आयेगी और लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
यह बात आज यहाॅं बापू भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भगवत शरण गंगवार ने प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता के दौरान कही उन्होंने कहा कि जापान में ‘‘ताकाषिमाया’’ के बड़े-बड़े शहरों में माॅल बने हुए हंै। उनके प्रबंधकों ने उ0 प्र0 के हस्तषिल्प उद्यमियों के आफर को स्वीकार करतेे हुए हस्तषिल्प उत्पादों का आयात करने की बात कही हंै। उन्होंने कहा कि जूते के व्यवसायी भी वहाॅं गये थे, और उनके द्वारा एम0 ओ0 यू0 साइन किया गया। ताकाषिमाया के प्रबंधकों ने लखनऊ से चिकन के उत्पाद आयात करने की बात कही। जापान के कई उद्यमी प्रदेष में उद्योग लगाने के लिए लालायित दिखे।
श्री गंगवार ने कहा कि जापान के उद्यमियों को यह आष्वस्त किया गया कि प्रदेष सरकार बाहरी उधमियों को उद्योग स्थापित करने हेतु विषेष सुविधा उपलब्ध करा रही है। उन्हें यह भी अवगत कराया गया है कि उ0 प्र0 आबादी के लिहाज से विष्व का पाॅंचवा देष है। यहाॅं पर उपभोक्ताओं की बड़ी संख्या है और मानव संसाधन आसानी से उपलब्ध है। वहाॅं के कुछ उद्यमियों द्वारा यहाॅं के भोजन और भाषा की समस्या उठाई गई थी इस पर उन्हें बताया गया कि प्रदेष मे औद्योगिक ईकाई स्थापित करने के लिए बड़ी संख्या में भूमि उपलब्ध हैं। आप लोग चाहे तो छोटा मेाटा अपना औद्योगिक षहर स्थापित कर सकते है, जिससे भाषा और भोजन की समस्या समाप्त हो जायेगी। उन्होंने बताया कि वहाॅं के कोबे चैम्बर अॅाफ कामर्स एण्ड इडस्ट्रीज, ओसामा चैम्बर आफ कामर्स एवं क्योटो संग्रहालय का भ्रमण करके वहाॅं के प्रतिनिधियों से वार्ता की गई। कोबे और ओसामा के चैम्बर आफ कामर्स द्वारा उ0 प्र0 में उद्योग लगाने तथा भारत के साथ व्यापार बढ़ाने पर बल दिया गया। ताकाषिमाया के प्रबन्धकों ने उ0 प्र0 से हस्तषिल्प के उत्पाद को क्रय करने में काफी रूचि दिखाई है। इसके सार्थक परिणाम शीघ्र ही सामने आयेगें।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव लघु उद्योग श्री मुकुल सिंघल विषेष सचिव श्री विजय कान्त दुबे, संयुक्त निर्यात आयुक्त श्री के0 पी0 मिश्रा आदि अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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