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समाज, संत और सरकार मिलकर गंगा की समस्या दूर कर सकते है

Posted on 16 October 2012 by admin

कन्नौज में साध्वी उमा भारती ने पत्रकार वार्ता में कहा कि एक गंगा को-ओपरेटिव का गठन होना चाहिए जिसमें नदी से जुड़े सेवानिवृत्त हो चुके लोगों को जोड़कर उन्हें जिम्मेदारी दी जानी चाहिए और लोगों को उसमें निवेश करना चाहिए।
गंगा यात्रा के 26वें दिन कन्नौज में उमा ने कहा कि जनता को यह चिंतन करना चाहिए कि माँ-गंगा उनसे क्यों नाराज हो गई है और उसे वापस लाने के लिए क्या प्रयास किए जाने चाहिए। वह गंगा जो कभी कन्नौज के राजघाट से बहती थी अब 7 किमी दूर हो गई है। कन्नौज की तरह ही गंगा की समस्या हर शहर में अलग-अलग हैं। फरक्का में मछुआरों पर असर पड़ा है तो झारखण्ड में हजारों एकड़ जमीन कटाव में चली गई है जिसका एक बड़ा कारण फरक्का डेम ही है। उमा श्री ने कहा कि इन समस्याओं पर राज्य और केन्द्र सरकार को सामंजस्य बना कर काम करना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया की फरक्का सहित नरौरा और टिहरी डेम से एक धारा को अविरल छोड़ा ही जाना चाहिए इसके लिए वे हर संभव प्रयास करेंगी।
उन्होंने कहा कि गंगा की समस्या को लोगो ने और आधुनिक विकास ने पैदा किया है। जहां आम जनता ने विधि निषेध कर गंगा में गंदगी डाली है वहीं विकास के नाम पर बड़े बांधो ने गंगा की अविरलता को रोक दिया है। समाज, संत और सरकार मिलकर इसे दूर कर सकते है। उमा श्री ने कहा कि चमड़ा उद्योग का भी विवेकपूर्ण समाधान निकालना होगा नहीं तो इस बार महाकुंभ में स्नान चमड़े के पानी में होगा। गंगा बेसिन आथरिटी की यह जिम्मेदारी है कि वह गंगा केन्द्रीत होकर काम करें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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