संयुक्त राष्ट्र महासभा न्यूयार्क में समाजवादी पार्टी के साॅसद धर्मेन्द्र यादव ने अंर्तराष्ट्रीय संगठित अपराध को कानून के शासन के लिए खतरा और आर्थिक विकास के लिए बाधा बताते हुए कहा है कि मादक पदार्थो की तस्करी आज मानव के सामने आनेवाली सबसे बड़ी चुनौती है। इसकी धनराशि से आतंकवाद तथा अन्य अपराधिक गतिविधियों का पोषण होता हैं आतंकवाद अंर्तराष्ट्रीय शांति तथा सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बना गया हैं इससे कारगर ढंग से निबटने के लिए सदस्य देशों की आवश्यक राजनैतिक इच्छा शक्ति तथा अधिक से अधिक अंर्तराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय सहयोग अपेक्षित है।
श्री यादव ने 10 अक्टूबर,2012 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिन्दी में अपना भाषण देते हुए कहा कि यह आवश्यक है कि विधि प्रवर्तन एवं अपराधिक न्याय संस्थाओं के बीच और अधिक समन्वय हो। हमें विशेषकर अपराधों के नए तथा उभरते हुए रूपों से निबटने में क्षमता निर्माण तथा तकनीकी सहायता पर और अधिक जोर देने की आवश्यकता है। उन्होने कि आतंकवाद से समग्रवादी दृष्टिकोण से ही निबटा जा सकता है क्योंकि ड्रग माफिया, हथियार विक्रेताओं और मनी लाण्डरर्स के बीच गहरे रिश्ते होते है।
समाजवादी पार्टी साॅसद ने बताया कि भारत ने सुदृढ़ घरेलू विधान लागू किया है और धन के अवैध प्रवाह को रोकने तथा आतंकवाद और संगठित अपराध से निबटने के लिए द्विपक्षीय करार किए हंै। भारत वित्तीय कार्यवाही कार्यबल का सदस्य भी है।
धर्मेन्द्र यादव ने मादक पदार्थो की तस्करी के 320 बिलियन अमेरिकी डालर के व्यापार पर गहरी चिन्ता जताते हुए कहा कि इसका सामना सशक्त अंर्तराष्ट्रीय सहयोग से ही सम्भव है। उन्होने कहा हालंाकि विकसित देशों में अवैध औषध के उपयोग में कमी हुई है, फिर भी विकासशील देशों में इसकी वृद्धि हुई तथा इसके नए बाजार उभर रहे हैं। श्री यादव ने अपने भाषण के अंत में अवैध नशीले पदार्थ, धन के अवैध प्रवाह, व्यक्तियों की तस्करी, अवैध शस्त्र आदान-प्रदान, अंर्तराष्ट्रीय संगठित अपराध तथा आतंकवाद से मुक्त विश्व के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रणाली की कारगर कार्यवाही के लिए पूर्ण सहयेाग तथा प्रतिबद्धता को दुहराया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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